नॉर्थ सियारसोल ओसीपी में लेबर कोड जागरूकता मुहिम का भारी विरोध
कोल इंडिया की सहायक कंपनी इसीएल के नॉर्थ सियारसोल ओपन कास्ट प्रोजेक्ट में सोमवार को, महानिदेशालय खान सुरक्षा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम उस समय विवादों में घिर गया जब खदान के कर्मचारियों ने लेबर कोड के समर्थन में चलाए जा रहे इस ''जागरूकता अभियान'' का कड़ा विरोध किया.
जामुड़िया.
कोल इंडिया की सहायक कंपनी इसीएल के नॉर्थ सियारसोल ओपन कास्ट प्रोजेक्ट में सोमवार को, महानिदेशालय खान सुरक्षा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम उस समय विवादों में घिर गया जब खदान के कर्मचारियों ने लेबर कोड के समर्थन में चलाए जा रहे इस ””जागरूकता अभियान”” का कड़ा विरोध किया. जानकारी के अनुसार डीजीएमएस की टीम ””लेबर कोड अवेयरनेस”” के नाम पर लेबर कोड के समर्थन में कैंपेन करने नॉर्थ सियरसोल ओसीपी आई थी. बताया गया है कि स्थानीय प्रबंधन ने माइनिंग डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को वर्दी पहनकर इस जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. जैसे ही कर्मचारियों को इस अभियान की जानकारी मिली, श्रमिकों के एक प्रतिनिधि ने तुरंत मजदूरों को संगठित किया और इसके विरोध में आवाज उठाने का आह्वान किया. खदान के श्रमिकों ने एकजुट होकर डीजीएमएस के अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया की इन चार एंटी-वर्कर लेबर कोड (श्रमिक विरोधी श्रम संहिताओं) के लागू होने के बाद आपका और आपके विभाग का कोई वजूद नहीं रहेगा.आप अपना काम कीजिए आप यह सब क्यों कर रहे हैं? सभी वर्कर्स इन कोड्स के खिलाफ वर्कर संगठनों के साथ आंदोलन (मूवमेंट) में हैं.जब तक इन्हें रद्द नहीं किया जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. श्रमिकों के इस मुखर और व्यापक विरोध के चलते, डीजीएमएस की टीम को तत्काल कार्यक्रम समाप्त करना पड़ा और उन्हें साइट से लौटना पड़ा. श्रमिकों ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर इन श्रम संहिताओं को लागू नहीं होने देंगे, जो उनके हितों को कमजोर करती है. इस घटना से एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक संगठनों व यूनियनों की ताकत दिखी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
