कांथा स्टिच साड़ियां बनीं आकर्षण का केंद्र

राज्य सरकार की योजनाओं को उकेरती नक्शी कांथा ने खींचा पर्यटकों का ध्यान

By GANESH MAHTO | December 27, 2025 1:27 AM

मुकेश तिवारी, बोलपुर

बीरभूम जिले के बोलपुर शांतिनिकेतन के पूर्व पल्ली मैदान में चल रहे छह दिवसीय पौष मेला में इस बार नक्शी कांथा साड़ियों ने विशेष आकर्षण पैदा किया है. कांथा स्टिच के माध्यम से साड़ियों और वस्त्रों पर पश्चिम बंगाल सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को उकेरा गया है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक और कला प्रेमी मेले में पहुंच रहे हैं.

योजनाओं की कलात्मक प्रस्तुति

पौष मेला में लगे छोटे, मझोले और लघु उद्यमों के स्टॉलों पर प्रदर्शित नक्शी कांथा साड़ियों में रूपश्री, कन्याश्री, स्वास्थ्य साथी और लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाओं को प्रतीकात्मक चित्रों, लेख और डिजाइनों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है. इन साड़ियों को राज्य सरकार के लघु, मध्यम और लघु उद्योग विभाग के स्टॉलों पर बिक्री के लिए रखा गया है. प्रत्येक साड़ी में योजनाओं से जुड़ा संदेश और विचार स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आ रहा है.

लंबे समय की मेहनत का परिणाम

कारीगरों के अनुसार नक्शी कांथा साड़ी तैयार करने में डेढ़ से दो साल, जबकि जटिल डिजाइनों में दो से तीन साल तक का समय लग जाता है. सुई-धागे की बारीक कारीगरी और लगातार मेहनत के कारण इन साड़ियों का अलग ही महत्व और पहचान बनती है. रंगों के संयोजन और डिजाइनों की बारीकी को देखकर दर्शक कलाकारों के धैर्य और परिश्रम की सराहना करते नजर आ रहे हैं.

कीमत और बढ़ती मांग

बोलपुर न्यू पौंड इलाके की नक्शी कांथा कलाकार ममताज़ बीबी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में नक्शी कांथा के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ी है.

इस बार राज्य सरकार की योजनाओं को साड़ी के डिजाइनों में शामिल किये जाने से खरीदारों के बीच अलग उत्साह देखा जा रहा है. डिजाइन की जटिलता, समय और श्रम के आधार पर इन साड़ियों की कीमत डेढ़ लाख रुपये से शुरू होकर दो लाख रुपये तक जाती है.

कलाकारों को उम्मीद है कि सरकारी पहल और बाजार की मांग से यह पारंपरिक कला और मजबूत होगी.

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