जामुड़िया की ””सिंघारन नदी”” खतरे में

जनवरी में निकलेगी पदयात्रा, अस्तित्व बचाने के लिए कमेटी गठित

By GANESH MAHTO | November 16, 2025 10:19 PM

जामुड़िया. जामुड़िया की जीवनरेखा कही जाने वाली सिंघारन नदी के लगातार बढ़ते प्रदूषण और सिमटते अस्तित्व को बचाने के लिए रविवार को एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया गया. बेलबाद सिंघारन काली मंदिर के पास आयोजित सिंघारन नदी बचाओ कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में नदी के संरक्षण के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गयी.

अस्तित्व खोने की कगार पर नदी सिंघारन नदी बचाओ कमेटी के संयोजक अजीत कोड़ा ने नदी की वर्तमान दयनीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि जामुड़िया की एकमात्र लाइफ लाइन सिंघारन नदी, विभिन्न कल-कारखानों द्वारा किये जा रहे अंधाधुंध दोहन और प्रदूषण के कारण आज अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है. यह नदी जामुड़िया के दर्जनों गांवों से होकर गुजरती है. इसका पानी इतना अधिक दूषित हो चुका है कि ग्रामीण इसे इस्तेमाल करने में असमर्थ हैं, जिससे क्षेत्र में गंभीर जल संकट पैदा हो गया है. अजीत कोड़ा ने आगाह किया कि सिंघारन नदी का यह दूषित पानी अंततः अंडाल के श्रीरामपुर के पास दामोदर नदी से मिलकर उसे भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे बड़े क्षेत्र पर पर्यावरणीय खतरा मंडरा रहा है.

प्रमुख संगठनों ने लिया संकल्प

बैठक में सर्व भारतीय नदी बचाओ जीवन बचाओ कमेटी, सिंघारन नदी बचाओ कमिटी, सिउड़ी कुशकोरनी नदी बचाओ कमेटी और आदिवासी समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने नदी को बचाने का सामूहिक संकल्प लिया.

जनवरी में निकलेगी वृहद ””सिंघारन नदी बचाओ”” पदयात्रा

नदी को बचाने के लिए एक बड़ा जन-अभियान चलाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. आगामी 17 और 18 जनवरी को पदयात्रा का आयोजन किया जायेगा. यह अभियान जामुड़िया के इकड़ा से शुरू होगा. पदयात्रा काजोड़ा होते हुए अंडाल के श्रीरामपुर में जाकर समाप्त होगी, जहां सिंघारन नदी दामोदर से मिलती है.

अभियान को गति देने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी गठित

पदयात्रा के सफल आयोजन और नदी बचाव अभियान को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए 15 सदस्यीय एक कमेटी भी गठन किया गया है,जिसके अध्यक्ष दीपक दास तथा सचिव विकास बाउरी बनाये गये हैं. बैठक में तापस दास (संयोजक, सर्व भारतीय नदी बचाओ जीवन बचाओ कमिटी), डॉक्टर रत्ना पाल, मृणाल राय, सौगत राय (सिउड़ी कुशकोरनी नदी बचाओ कमिटी), अजीत कोड़ा, और मानिक हेमब्रम (आदिवासी समाज) सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया.

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