निंघा कोलियरी में इलेक्ट्रिक इंजन की मांग पर ””जैक”” का हल्लाबोल
आंदोलन. ब्रिटिशकालीन स्टीम इंजन को हटाने की मांग हुई तेज
जामुड़िया. इसीएल के सातग्राम-श्रीपुर एरिया स्थित नींघा कोलियारी में शुक्रवार को संयुक्त एक्शन कमेटी (जैक) के बैनर तले श्रमिकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.खदान में सुरक्षा और उत्पादन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से श्रमिक संगठनों ने वर्षों पुराने स्टीम इंजन को बदलकर आधुनिक इलेक्ट्रिक इंजन लगाने की मांग की.
पिट टॉप पर धरना और अभिकर्ता का घेराव
आंदोलन की शुरुआत में श्रमिकों ने नींघा कोलियारी के ””””पिट टॉप”””” पर धरना दिया. इसके बाद खदान परिसर में रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शनकारी मजदूरों ने नींघा खदान समूह के अभिकर्ता (एजेंट) विजय ठाकुर का घेराव किया और उन्हें अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा ””खतरे की घंटी”” बना अंगरेजों के जमाने का भाप इंजनप्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सीटू नेता किशोर थर ने कहा कि नींघा कोलियारी लगभग 100 वर्ष पुरानी है. आज के आधुनिक युग में भी यहाँ ब्रिटिश काल के स्टीम इंजन का उपयोग किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है.उन्होंने मुख्य समस्याओं को रेखांकित करते हुए कहा की स्टीम इंजन के स्पेयर पार्ट्स अब बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, पुराने पड़ चुके इंजन के कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. तकनीकी खामियों की वजह से कोयला उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
मंजूरी के बावजूद टेंडर में देर पर नाराजगी
श्रमिक नेताओं ने बताया कि नेशनल सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में पहले ही पुराने स्टीम इंजनों को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने का निर्णय लिया जा चुका है. ईसीएल मुख्यालय ने भी इसके लिए हरी झंडी दे दी है. किशोर थार ने आरोप लगाया कि प्रबंधन की ढुलमुल नीति के कारण अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, जिससे यह महत्वपूर्ण कार्य अधर में लटका हुआ है.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
जैक ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो आंदोलन को कोलियारी स्तर से बढ़ाकर ईसीएल मुख्यालय तक ले जाया जायेगा.
इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से सीटू के किशोर थार, रामजी कोइरी, हीरालाल मुखर्जी, बीएमएस के विजय सिंह, एटक के असगर अली खान, एचएमएस के राजकुमार सिंह और केकेएससी के राजेश ठाकुर सहित भारी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
