असम से पानागढ़ पहुंची गुरु तेग बहादुर जी की जागृति-यात्रा
किया गया भव्य स्वागत
किया गया भव्य स्वागत पानागढ़. असम से कोलकाता होते हुए गुरु तेग बहादुर जी की जागृति-यात्रा सोमवार को पानागढ़ पहुंची, जिसका पानागढ़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भव्य स्वागत किया. मार्ग में यात्रा पर जगह-जगह पुष्पवर्षा, भजन-कीर्तन व लंगर सेवा जैसे आयोजन किये जा रहे हैं. हर पड़ाव पर गुरु साहिब के जीवन और उनके दिये संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है. गुरु तेग बहादुर जी ने न केवल सिख धर्म की रक्षा की, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना प्राण न्योछावर कर दिया. भारत की धर्म व बलिदान की गौरवशाली परंपरा में गुरु तेग बहादुर जी का स्थान महत्वपूर्ण है. उनके प्रेरक जीवन, निःस्वार्थ सेवा व बलिदान की गाथा को समर्पित विशेष यात्रा का आयोजन किया गया, जिसका भव्य स्वागत समारोह देश के कई हिस्सों में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है. आज कलकत्ता से पानागढ़ पहुंची इस जागृति यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. वही स्थानीय सिख समाज के लोगों ने जागृति यात्रा में चल रहे साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी स्मृति चिह्नों का दर्शन किया गया. जागृति यात्रा में चल रहे लोगों का स्वागत करने के साथ इस दौरान गुरुद्वारा में भजन कीर्तन और पाठ का आयोजन किया गया. हरजीत सिंह निक्की ने बताया कि पानागढ़ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा जागृति यात्रा में शामिल लोगों का भव्य स्वागत किया गया. उन्होंने बताया कि यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरूकता और एकता का प्रतीक भी बन चुकी है.श्री गुरु तेग बहादुर जी, जिन्होंने धर्म और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया, उनकी स्मृति में हो रही यह यात्रा आज के समाज के लिए एक सशक्त प्रेरणा बनकर उभरी है.इस यात्रा में श्रद्धालु, स्थानीय नागरिक, युवा वर्ग और सामाजिक संस्थाएं पूरे उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं. यात्रा के मार्ग पर जगह-जगह पुष्प वर्षा, भजन-कीर्तन और लंगर सेवा जैसे आयोजन किए जा रहे हैं. हर पड़ाव पर गुरु साहिब के जीवन और उनके द्वारा दिए गए संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है.गुरु तेग बहादुर जी ने न केवल सिख धर्म की रक्षा की, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. उनकी शहादत हमें यह सिखाती है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना ही सच्ची सेवा है. मौके पर पानागढ़ गुरुनानक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरबंश सिंह समेत अन्य सदस्य और गणमान्य लोग मौजूद थे. पानागढ़ से जागृति यात्रा दुर्गापुर के लिए रवाना हो गयी. दूसरी ओर, बर्दवान में भी जागृति-यात्रा का स्थानीय सिख समाज ने स्वागत किया गया.
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