इसीएल ने की माइकिंग : ‘निर्माण कार्य करें स्थगित, नहीं मिलेगा इसका मुआवजा’
परेशानी. इटापाड़ा मेगा प्रोजेक्ट क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा निर्माण कार्य इसीएल के लिए बन रहा मुसीबत
सालाना 35 लाख टन कोयला खनन करने का है यह मेगा प्रोजेक्ट, 18 वर्षो तक चलेगा कार्य एमडीओ मोड में चल रहा है कार्य, इस साल नौ लाख टन कोयला उत्पादन का है लक्ष्य, प्रोजेक्ट पूरा होने पर 35 लाख टन का होगा उत्पादन आसनसोल/रूपनारायणपुर. ‘सावधान-सावधान, इटापाड़ा मेगा प्रोजेक्ट के आस-पास आमडीहा, बलियापुर, इटापाड़ा, बेला गांव के सभी लोगों को सूचित किया जा रहा है कि यहां पर जल्द से जल्द इटापाड़ा मेगा प्रोजेक्ट के माइनिंग का काम शुरू होने वाला है, इसलिए इसीएल की ओर से आप सभी से अनुरोध है कि यहां पर नये सिरे से और कोई घर ना बनायें, बाद के यह सब घर का कोई मुआवजा इसीएल की तरफ से नहीं दिया जायेगा. यहां यह सब घर बनाने के चलते इटापाड़ा प्रोजेक्ट के माइनिंग का काम चलाना संभव नहीं होगा और यह मेगा प्रोजेक्ट का कार्य बंद हो जायेगा. इसलिए इसीएल की ओर से बारंबार आप सभी से सहयोग मांगा जा रहा है.’ उक्त चार गांव के हर गली मोहल्ले में रविवार को माइकिंग करके इसीएल की ओर से यह बताया गया. जिससे इसीएल के साथ-साथ स्थानीय लोगों की भी परेशानी बढ़ गयी है. गौरतलब है कि इसीएल सालानपुर एरिया के ड्रीम प्रोजेक्ट इटापाड़ा ओसीपी के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है. इसीएल ने इटापाड़ा को एमडीओ मोड में दिया है और यहां से सालाना 35 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है और 18 साल तक खनन का खाका तैयार करके काम शुरू हुआ है. इस साल नौ लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है.
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