मीडिया में जो आरोप आ रहे हैं वे बेबुनियाद हैं: गांगुली

कोलकाता: विवाद में फंसे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज अशोक कुमार गांगुली ने कहा कि उन्होंने अतिरिक्त विवाद खत्म करने के लिए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि जिस आधार पर केंद्र ने राष्ट्रपति को उनके खिलाफ सिफारिश की है वह टिकने वाला नहीं है. न्यायमूर्ति गांगुली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 8, 2014 8:43 AM

कोलकाता: विवाद में फंसे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज अशोक कुमार गांगुली ने कहा कि उन्होंने अतिरिक्त विवाद खत्म करने के लिए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि जिस आधार पर केंद्र ने राष्ट्रपति को उनके खिलाफ सिफारिश की है वह टिकने वाला नहीं है. न्यायमूर्ति गांगुली ने राज्यपाल एमके नारायणन को दिये अपने त्यागपत्र में जोर देकर कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट दोनों मीडिया में उनके खिलाफ जो आरोप आ रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं और उससे इनकार करते हैं.

उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को जो कथित सिफारिशें की गयी हैं वे निराधार और मिथ्या पर आधारित है. त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है कि जब तक वह मर्यादा एवं सम्मान के साथ काम नहीं कर सकते, तब तक किसी भी पद से उन्हें कोई लगाव नहीं है. वह समझते हैं कि वर्तमान स्थिति में यह संभव नहीं है. उन्हें हटाने के लिए राष्ट्रपति को की गयी कथित सिफारिश ‘अपुष्ट और गलत धारणा ’ पर आधारित है. मीडिया में उनके खिलाफ लग रहे आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं और वह उसका खंडन करते हैं.

उधर, राज्य सरकार के प्रधान सचिव ने एक पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताया कि न्यायमूर्ति गांगुली ने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की बात रखते हुए सोमवार को राज्यपाल को एक पत्र दिया था. विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘राज्यपाल ने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से अपनी मंजूरी दे दी है.’

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