आईपीएस अफसर अजय पाल शर्मा को क्लीनचिट, ट्रांसफर-पोस्टिंग केस में नहीं मिले भ्रष्टाचार के सबूत, मुकदमा खत्म

ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में आईपीएस अफसर और जौनपुर के एसएसपी अजयपाल शर्मा को क्लीन चिट दे दी गई है. अजय पाल शर्मा सहित चार लोगों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई है. अब ये मुकदमा समाप्त कर दिया गया है. नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए थे.

By Sanjay Singh | February 25, 2023 1:25 PM

Meerut: पुलिस महकमे में ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में आईपीएस अफसर और जौनपुर के एसएसपी अजय पाल शर्मा को बड़ी राहत मिली है. अजय पाल शर्मा और पत्रकार चंदन राय समेत चार लोग इस मामले में बरी कर दिए गए हैं. तीन साल चली जांच के बाद विजिलेंस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई है. इसके बाद मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट ने इन लोगों के खिला सबूत नहीं मिलने के कारण मुकदमा खत्म कर दिया है.

नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने ट्रांसफर पोस्टिंग में पत्रकार और आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद 2020 में आईपीएस अजय पाल शर्मा और पत्रकार चंदन राय समेत चार लोगों पर विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की थी.

मामले की सुनवाई मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में हो रही थी. नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इस खुलासे का आधार नोएडा के पूर्व एसएसपी अजयपाल शर्मा और चंदन राय के बीच हुई बातचीत के ऑडियो को बनाया गया था.

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यह बातचीत मेरठ में पोस्टिंग को लेकर थी और इसमें 80 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई थी. इस संबंध में कुल नौ ऑडियो टेप सामने आए थे. शासन स्तर पर मची हलचल के बाद एसआईटी गठित हुई. एसआईटी ने आरोपों को सही माना और मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई. तीन साल तक जांच करने के बाद अब विजिलेंस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट सौंपी है.

मेरठ के विजिलेंस थाने में दर्ज इस मामले में आईपीएस अजयपाल शर्मा के अलावा पत्रकार चंदन राय, स्वपनिल राय और अतुल शुक्ला को आरोपी बनाया गया था. इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में सितंबर-2020 में केस दर्ज हुआ. सबूत के तौर पर नौ ऑडियो टेप पेश किए गए. हालांकि तीन साल तक चली विजिलेंस की जांच में इन ऑडियो टेप की पुष्टि नहीं हो सकी. ना ही इसके संबंध में कोई नया तथ्य ही सामने आया. इसलिए मामले को समाप्त कर दिया गया है.

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