Explainer: नियुक्त होंगे 150 ‘मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट’, जानें क्या होगी जिम्मेदारी, कितनी मिलेगी सैलरी

निपुण भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए 'मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट'की नियुक्ति होने जा रही है. हर जिले में दो-दो और कुल 150 मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने आवेदन मांगें हैं.

By अनुज शर्मा | August 6, 2023 9:19 PM

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को मूलभूत भाषा एवं गणित कौशल में निपुण बनाने के लिए योगी सरकार ‘मुख्यमंत्री निपुण भारत सहयोगी’ के माध्यम से शिक्षा सुधार की अपनी पहल को मूर्त रूप देने जा रही है. मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट जिले के सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव्स के साथ मिलकर पूरे जिले में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक चुनौतियों को हल करने और निपुण भारत मिशन के क्रियान्वयन को सुव्यवस्थित करने के लिए काम करेंगे. इसके अतिरिक्त वह सीएमएनबीए की दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारियों का भी हिस्सा बनेंगे. इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने हर जिले में दो-दो और कुल 150 मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट की नियुक्ति का निर्णय लिया है. इसके लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन भी मांगे गए हैं.

क्या है मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट योजना?

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 2021 में देश भर में प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के बीच सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करने के लिए निपुण भारत मिशन शुरू किया था. निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने नॉलेज पार्टनर के रूप में आईआईएम, लखनऊ के साथ एक राज्यव्यापी शिक्षा परिवर्तन पहल मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट्स शुरू की है. इस कार्यक्रम के तहत, निपुण भारत मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 150 सहयोगियों का एक समूह रखा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय का छात्र 2025-26 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में कुशल हों. इच्छुक उम्मीदवार इस वेबसाइट www.cmnba.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

ये होगी मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट की जिम्मेदारी

-निपुण पर जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर की प्रगति को ट्रैक करना.

-सरकारी हितधारकों के साथ सहयोग करके खराब प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों, स्कूलों के लिए सुधारात्मक उपाय तैयार करना.

-फील्ड अधिकारियों के साथ सहयोग करके दिन-प्रतिदिन के मुद्दों को दूर करना.

-नियमित कार्यशालाओं के माध्यम से सभी फील्ड अधिकारियों को क्षमता निर्माण और मेंटरशिप सहायता प्रदान करना.

-नियमित रूप से गुणवत्ता डेटा-समर्थित समीक्षाओं को चलाने में सरकारी हितधारकों की मदद करना.

मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट को ये मिलेंगे लाभ

-30,000 रुपए का मासिक वजीफा.

-10,000 रुपए प्रति माह का आवास और चिकित्सा भत्ता.

-सहयोगियों को उनके आवंटित जिले में एक लैपटॉप और एक पूल कार भी प्रदान की जाएगी.

कौन बन सकता है मुख्यमंत्री निपुण भारत एसोसिएट?

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ऐसे युवा जो जिले के शिक्षा परिणामों में सुधार के लिए जिम्मेदारी ले सकते हों. साथ ही 24 घंटे काम करने में सक्षम हों और राज्य की विकास यात्रा में सार्थक योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हों. जटिलता और अस्पष्टता को नेविगेट करने में माहिर हों और सरकारी हितधारकों के साथ सहयोग करके दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों को सक्रिय रूप से दूर करने में सक्षम होने के लिए नेतृत्व कौशल रखने वाले युवाओं को इसके योग्य माना जाएगा. जहां तक योग्यता की बात है तो इसमें यूजी-पीजी के साथ कार्य अनुभव रखने वाले और एनआईआरएफ टॉप-100 रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय, कॉलेज के 60 फीसदी अंकों के साथ पास युवा आवेदन कर सकते हैं. इन्हें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में मौखिक व लेखन में विशेषज्ञता होनी चाहिए.

Also Read: शिक्षकों को देख DG पहले तो गुस्साए फिर फटकारा,अंत में समस्या दूर करने का आश्वासन, फर्जी वालों की लिस्ट वायरल
मिशन निपुण  में यह होंगी एक्टिविटी

  • बच्चों को संख्या, माप और आकार के क्षेत्र में तर्क को समझाने के लिए; और उन्हें संख्यात्मकता और स्थानिक समझ कौशल के माध्यम से समस्या का समाधान कर सक्षम बनाना .

  • बच्चों की परिचित/घरेलू/मातृभाषा या भाषाओं में उच्च गुणवत्ता और सांस्कृतिक रूप शिक्षण सामग्री की उपलब्धता और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना .

  • शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, शैक्षणिक संसाधन व्यक्तियों और शिक्षा प्रशासकों के निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना .

  • आजीवन सीखने की एक मजबूत नींव बनाने के लिए सभी हितधारकों अर्थात शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना .

  • पोर्टफोलियो, समूह और सहयोगात्मक कार्य, परियोजना कार्य, प्रश्नोत्तरी, रोल प्ले, खेल, मौखिक प्रस्तुतीकरण, लघु परीक्षण आदि के माध्यम से सीखने के लिए मूल्यांकन सुनिश्चित करना .

  • सभी छात्रों के सीखने के स्तर पर नज़र रखना .

  • बच्चों को सतत पठन और लेखन कौशल की समझ के साथ प्रेरित करना, स्वतंत्र बनाना और लेखन शैली में सक्षम बनाना .

  • खेल, खोज और गतिविधि-आधारित शिक्षाशास्त्र को शामिल करके, बच्चों को दैनिक जीवन स्थितियों से जोड़कर और बच्चों की घरेलू भाषाओं को औपचारिक रूप से शामिल करके कक्षा में समावेशी वातावरण सुनिश्चित करना.

Also Read: ‘ भारत माता की जय ‘ बोलने पर भाजपा MLC हरि सिंह ढिल्लो से भिड़े बसपा सांसद दानिश अली , अमरोहा के मंच पर घमासान
44 हजार प्राइमरी स्कूलों को निपुण स्कूल का दर्जा

UP NIPUN School: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने दिसंबर 2023 तक निपुण स्कूल डेवलप का टारगेट तय कर दिया है. उत्तर प्रदेश के 44 हजार प्राइमरी स्कूलों को निपुण स्कूल (NIPUN School) का दर्जा दिया जाएगा. प्रत्येक स्कूल में ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्र- छात्राओं को Skill Development और Numeracy Skills के योग्य बनाया जाएगा.सभी सरकारी स्कूलों में निपुण असेसमेंट टेस्ट (NAT) के पहले सत्र के सभी 75 जिलों में कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों के बीच बुनियादी संख्यात्मक कौशल और पढ़ने के कौशल का आकलन किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश में निपुण स्कूल बनाने के लिए प्रत्येक जिले में निपुण सेंटर (NIPUN Center) बनाया जाएगा.

कक्षा 1 से 3 के करीब 28 फीसदी छात्रों का 90% से अधिक NAT Score

पहली बार अक्टूबर और दिसंबर 2022 के बीच 33% छात्रों के साथ हापुड़ और 32% छात्रों के साथ भदोही, चंदौली, वाराणसी और 29% छात्रों के साथ मऊ जिले में NIPUN Bharat Scheme को लॉन्च किया गया था. यूपी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार निपुण टेस्ट (NAT) में गौतम बौद्ध नगर में के उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 3 के करीब 28 फीसदी छात्रों ने 90% से अधिक NAT Score हासिल किया था.