Coronavirus Lockdown : क्वारेंटाइन सेंटर में नेपाली महिला ने बच्चे को दिया जन्म, नाम रखा ‘कोविड-19’

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में गैर राज्यों से आये मजदूरों के लिए बने क्वारेंटाइन सेंटर में नेपाल की एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. जिला प्रशासन ने उसका नाम कोविड-19 रखा है. जच्चा-बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं.

By Samir Kumar | April 6, 2020 4:17 PM

रामपुर : उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में गैर राज्यों से आये मजदूरों के लिए बने क्वारेंटाइन सेंटर में नेपाल की एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है. जिला प्रशासन ने उसका नाम कोविड-19 रखा है. जच्चा-बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं. प्रशासन ने दोनों की समुचित इलाज व देखरेख की व्यवस्था की है.

लॉकडाउन के बाद तमाम लोग लौटने लगे अपने घर

कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिए 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण देश में 21 दिनों का (14 अप्रैल तक) लॉकडाउन घोषित किया. इसके चलते कंपनियों के साथ होटल, रेस्टोरेंट व यातायात के सभी साधन पूरी तरह से ठप हो गये. ऐसे में रोज कमाने खाने वाले लोग बेरोजगार हो गये तो वे पैदल ही अपने घरों को रवाना हुए. कुछ अपने गांव तक पहुंचे तो कुछ बीच रास्ते में ही क्वारंटाइन कर दिये गये.

नेपाल जा रही थी फरीदाबाद की रहने वाली महिला

नेपाल के बजांग जिले की रहने वाली महिला भी उन्हीं लोगों में एक थी जो अपने पति के साथ अपने घर जाने के लिए निकली थी. वह हरियाणा के फरीदाबाद में रहती है. लेकिन, लॉकडाउन के बाद होटल बंद हो गया तो उसे वापस जाने के लिए कह दिया गया. ये सभी एक नेपाल की बस में सवार हुए थे. लेकिन, 30 मार्च को रामपुर में पकड़ कर आश्रम पद्धति स्कूल में क्वारेंटाइन कर दिया गया. महिला गर्भवती थी. शुक्रवार को उसने एक बच्चे को जन्म दिया.

पल को यादगार बनाने के लिए बच्चे का नाम रखा कोविड-19

जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि, गर्भवती महिला के प्रसव को लेकर उसके परिजन चिंतित थे. इसके लिए चिकित्सक से बात कर सभी जरूरी इंतजाम कराया गया था. शुक्रवार को महिला ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है. महिला व उसका पति इस पल को यादगार बनाना चाहता था. इसलिए उसका नाम कोविड-19 रखा गया.

वहीं, बच्चे के जन्म पर खुशी जताते हुए पिता ने कहा कि यहां कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वह वापस अपने घर पहुंचना चाहता है. उधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रामपुर के एडीएम जेपी गुप्ता ने कहा कि प्रसव के बाद महिला और नवजात की देखभाल के लिए पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने जो भी नाम दिया हो, बच्चे का नामकरण तो उनके माता-पिता का अधिकार है.

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