कांग्रेस का आरोप, कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी आंकड़े छिपा रही है योगी सरकार

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले छुपाने का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि कानपुर में कुछ मीडिया कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है.

By Radheshyam Kushwaha | April 27, 2020 9:55 PM

लखनऊ. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले छुपाने का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि कानपुर में कुछ मीडिया कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है. उन्होंने कहा कि शहर में हजारों की तादात में संक्रमित लोग हो सकते हैं लेकिन उनका अता-पता नहीं है. उन्होंने कहा “आखिर पता चले भी तो कैसे? क्योंकि योगी सरकार तो अधिक से अधिक जांच करने के बजाय आंकड़ों को दबाने और सच्चाई बताने वाले मीडिया के खिलाफ मुकदमा करने में मशगूल है.

लल्लू ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में भारत का सबसे पिछड़ा राज्य उत्तर प्रदेश ही है. वेंटिलेटर बेड के मामले में भी राज्य की हालत बहुत दयनीय है. कुल 75 जिलों में से 35 जिले ऐसे हैं, जहां वेंटिलेटर बेड हैं ही नहीं, जबकि इन्हीं 35 में से 20 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के 75 जिलों में से 53 जिले ऐसे हैं. जहां पृथक-वास के लिए 100 से कम बिस्तर हैं, जबकि इन्हीं 53 में से 31 जिलों में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आगरा को बचाने की मार्मिक अपील करने वाले महापौर नवीन जैन की चिट्ठी पर लल्लू ने कहा कि योगी सरकार कोरोना वायरस महामारी के बारे में जिस आगरा मॉडल का ढोल पीट रही थी, उसकी हवा निकल चुकी है.

आगरा में पृथक-वास में रखे गए लोगों को बिस्कुट और पानी फेंक कर दिए जाने की घटना पर हैरानी जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे योगी सरकार का अमानवीय चेहरा सामने आता है. लल्लू ने सरकार से सवाल किया कि आखिर किस आधार पर कुछ जिलों को कोरोना वायरस मुक्त घोषित किया गया. उन्होंने सवाल किया कि वेंटिलेटर, आईसीयू और पृथक-वास कक्ष की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने क्या फैसला लिया है और आगरा में पृथक-वास में रखे गए गरीब लोगों के साथ बुरा बर्ताव करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.

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