Aaj ka Panchang 19 अक्तूबर 2023: आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी उपरांत षष्ठी आज, इस मंत्र से करें स्कंदमाता की पूजा

Aaj Ka Panchang 19 October 2023: पंचांग का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है.

By Sanjay Singh | October 19, 2023 12:26 AM

Aaj Ka Panchang 19 अक्तूबर गुरुवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 18 अक्तूबर 2023 दिन गुरुवार का पंचांग (Thursday Panchang) क्या कहता है.

आज का पंचांग: 19 अक्तूबर गुरुवार 2023

  • आश्विन शुक्ल पक्ष पंचमी रात-10 :40 उपरांत षष्ठी

  • श्री शुभ संवत-2080, शाके-1945, हिजरी सन-1444-45

  • सूर्योदय लखनऊ- 06:11

  • सूर्यास्त लखनऊ- 17:30

  • चन्द्रोदय लखनऊ- 10:24

  • चन्द्रास्त लखनऊ- 20:45

  • शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत: 11:28 − 12:13

  • अमृत काल: 12:04 − 13:40

  • सूर्योदय कालीन नक्षत्र-ज्येष्ठा उपरांत मूल, योग-सौभाग्य, करण-वव,

  • सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य-तुला, चंद्रमा-वृश्चिक, मंगल-तुला, बुध-तुला, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह, शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला

इस विधि और मंत्र से मां स्कंदमाता को करें प्रसन्न

शारदीय नवरात्रि का यह पांचवा दिन विशेष रूप से मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि विधि विधान से स्कंदमाता की पूजा की जाए तो मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पल भर में पूरा कर देतीं हैं. शास्त्रों के अनुसार स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सबसे पहले प्रातः काल उठते ही स्नान करें उसके बाद साफ कपड़े पहन लें. पूजा घर में मां की चौकी बनाएं और उस पर नया और साफ वस्त्र रखें. इसके बाद मां स्कंदमाता की प्रतिमा को वहां स्थापित करें. इसके बाद पूजा घर में गंगा जल से शुद्धिकरण करें. ऐसा करने के बाद लाल पुष्प लेकर स्कंदमाता के मंत्रों के साथ उनका आह्वान करें और मां के स्वरूप का ध्यान करें. मां को धूप, पुष्प,पान, सुपारी, बताशा एवं लौंग आदि चढ़ाएं. उसके बाद स्कंदमाता की आरती करें, आरती के बाद शंख बजाएं और जहां स्कंदमाता की प्रतिमा को स्थापित किया है, वहीं मां को दंडवत प्रणाम करें. इस तरह देवी मां की कृपा आपको शीघ्र मिलेगी और आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी.

मां स्कंदमाता की स्तुति के लिए मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

आज का पंचांग: 19 अक्तूबर गुरुवार 2023: चौघड़िया गुरुवार

चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.

करने योग्य गति​विधियां

  • प्रातः 06:10 से 07:35 शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)

  • प्रात:07:35 से 09:00 तक रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)

  • प्रातः 09.00 से 10.25 तक उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)

  • प्रातः 10:25 से 11:50 तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)

  • दोपहर: 11:50 से 13:15 तक लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)

  • दोपहरः 13:15 से 14:40 तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य-विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)

  • शामः 14:40 से 16:05 तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)

  • शामः 16:05 से 017:30 तक शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)

उपाय

  • उपायः तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलाएं.

  • आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का एक माला जाप करें.

  • खरीदारी करने का समय:

  • शामः 03:00 से 04:30 तक

  • राहुकाल: दोपहर 13:16 से 14:41 बजे तक

  • दिशाशूल-अग्नेय एवं दक्षिण