मुलायम के करीबी अंबिका चौधरी बसपा में शामिल, मायावती ने कांग्रेस को दी सलाह सपा से ना करें गठबंधन

लखनऊ : मुलायम के करीबी और विश्वासपात्र रहे सपा नेता अंबिका चौधरी आज मायावती की उपस्थिति में बसपा में शामिल हो गये. उन्होंने कहा कि मैंने सपा के सारे पद छोड़ दिये हैं और आज से बसपा के लिए पूरी तरह समर्पित हूं. इस मौके पर मायावती ने कहा कि अंबिका चौधरी को सपा से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2017 12:20 PM

लखनऊ : मुलायम के करीबी और विश्वासपात्र रहे सपा नेता अंबिका चौधरी आज मायावती की उपस्थिति में बसपा में शामिल हो गये. उन्होंने कहा कि मैंने सपा के सारे पद छोड़ दिये हैं और आज से बसपा के लिए पूरी तरह समर्पित हूं. इस मौके पर मायावती ने कहा कि अंबिका चौधरी को सपा से ज्यादा सम्मान बसपा में मिलेगा. उन्होंने कहा कि वे बलिया से ही बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. मायावती ने कहा कि सपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं. मौके पर अंबिका चौधरी ने कहा कि बहन जी ने उनपर कृपा की है. वे पिछले 25 सालों से पार्टी से जुड़े रहे हैं. अखिलेश ने मुलायम सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया है.

वहीं मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चल रहे ‘गतिरोध’ के बीच कांग्रेस को सलाह दी कि वह सपा के साथ मिलने की बजाय अकेले दम पर या छोटे धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़े. मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के लोगों से प्रदेश में उनकी पार्टी के हित में कहना चाहूंगी कि यदि वास्तव में वे खुद को धर्म निरपेक्ष मानकर चलते हैं तो …. सपा से गठबंधन कर ये चुनाव ना लड़ें बल्कि अपनी पार्टी का भविष्य ध्यान में रखकर या तो अकेले लडें या फिर उन्हें छोटी- छोटी धर्म निरपेक्ष पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि जंगलराज वाली, अराजक, आपराधिक एवं सांप्रदायिक तत्वों को संरक्षण देने वाली और भाजपा से मिलीभगत करने वाली सपा जैसी पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस को चुनाव नहीं लडना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस के सर्वोच्च नेतृत्व ने प्रमाणित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में ये पार्टी पूरी तरह आक्सीजन पर ही है. वैसे भी ये हकीकत है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की इस समय हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि अब उसके राष्ट्रीय नेताओं को अपनी रथयात्रा और खाट सभा जैसे कार्यक्रम करने के बावजूद विधानसभा चुनाव में खडे करने के लिए प्रत्याशी आसानी से नहीं मिल रहे हैं.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार अपनी गलत नीतियों और कार्यकलापों तथा भाजपा से अंदरुनी मिलीभगत की वजह से ‘डूबती हुई नैया’ है. जनता का इतना मोहभंग हो गया है कि अब सपा का सत्ता में वापस लौटना असंभव प्रतीत होता है. अराजकता, अपराध, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और जंगलराज के साथ साथ भाजपा से मिलीभगत के कारण सपा का दोहरा चरित्र सामने आता है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के पांच साल और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में दोनों ही सरकारों ने गरीब, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और किसान विरोधी गलत नीतियां और कार्यकलाप अपनाये। इससे प्रदेश की लगभग 22 करोड जनता में व्यापक नाराजगी व आक्रोश है. ये किसी से छिपा नहीं है. प्रदेश में मुजफ्फरनगर सहित अब तक लगभग 500 छोटे बडे दंगे हुए. दादरी की घटना हुई. मथुरा के जवाहरबाग कांड में तो पुलिस अधिकारी की जान चली गयी.

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