रामगोपाल की सपा में वापसी के पीछे हैं ये बड़ी वजहें

सपा से निष्कासन का एक महीना भी पूरा नहीं हुआ और मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया. आखिर क्यों? यह सवाल लोगों के मन में उभर चुका है. 24 अक्तूबर को उनका पार्टी से निष्कासन हुआ था लोग यह जानना चाहते हैं कि जब निष्कासन रद्द करना ही था, तो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 17, 2016 2:28 PM

सपा से निष्कासन का एक महीना भी पूरा नहीं हुआ और मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया. आखिर क्यों? यह सवाल लोगों के मन में उभर चुका है. 24 अक्तूबर को उनका पार्टी से निष्कासन हुआ था लोग यह जानना चाहते हैं कि जब निष्कासन रद्द करना ही था, तो पार्टी से निकाला क्यों? दरअसल मुलायम सिंह के इस फैसले के कई कारण हैं.

रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी में हुई वापसी, मुलायम ने निष्कासन रद्द किया

राज्यसभा में उनके पास विकल्प की है कमी
राज्यसभा में सपा के 19 सांसद हैं. जिनमें कद्दावर नेता हैं, रामगोपाल यादव, अमर सिंह, बेनीप्रसाद वर्मा और रेवती रमण सिंह. इनमें से रामगोपाल यादव ही नेता के रूप में सबसे फिट नजर आते हैं. हालांकि बेनीप्रसाद वर्मा और रेवती रमण सिंह भी पुराने समाजवादी और कद्दावर नेता हैं, लेकिन बेनीप्रसाद बेबाक बयानबाजी के कारण विवादों में आ जाते हैं, तो रेवती रमण की उम्र ज्यादा है.अमर सिंह के विवादित अंदाज के कारण उनको भी नेता के रूप में पेश करना मुलायम सिंह के लिए कठिन है, ऐसे में रामगोपाल यादव ही उनके पास सबसे सटिक विकल्प हैं, जो पार्टी की बातों को सदन में प्रमुखता से रख सकते हैं और सभी सदस्यों को लीड कर सकते हैं.
रामगोपाल और मुलायम का संबंध
रामगोपाल यादव और मुलायम के संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं. रामगोपाल पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं, इन्होंने मुलायम का हर कदम पर साथ दिया.रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के प्रबुद्ध चेहरे रहे हैं.अखिलेश यादव से भी रामगोपाल के संबंध बहुत अच्छे रहे हैं. वहीं मुलायम यह भी जानते हैं कि अखिलेश और रामगोपाल के संबंध बहुत गहरे हैं, तो रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई से अखिलेश की नाराजगी बढ़ी है. ऐसे में पार्टी और परिवार में सबकुछ सामान्य करने के लिए भी मुलायम ने रामगोपाल को वापस बुलाया है.
मतदाताओं में ना जाये गलत संदेश
अगले वर्ष फरवरी माह में विधानसभा का चुनाव होना है. रामगोपाल के निष्कासन से पार्टी और परिवार में जारी विवाद और बढ़ गया था, ऐसे मेंमतदाताओं के बीच गलत संदेश जा रहा था, जिससे उबरने और मतदाताओं को यह संदेश देने के लिए कि सबकुछ ठीक है मुलायम ने रामगोपाल का निष्कासन रद्द किया.

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