अखिलेश ने मायावती को ट्वीट करके दी जन्मदिन की बधाई, आया यह जवाब…

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा चुनाव में अपनी सहयोगी रही समाजवादी पार्टी (सपा) पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि संवाददाताओं ने जब मायावती से यह पूछा भी कि वह सपा के बारे में खामोश क्यों हैं तो उन्होंने कहा कि वह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2020 4:21 PM

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा चुनाव में अपनी सहयोगी रही समाजवादी पार्टी (सपा) पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि संवाददाताओं ने जब मायावती से यह पूछा भी कि वह सपा के बारे में खामोश क्यों हैं तो उन्होंने कहा कि वह आज सिर्फ राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय दलों के बारे में बात कर रही हैं.

इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बसपा नेता मायावती को जन्मदिन की बधाई दी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि ‘‘बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को जन्मदिन की हार्दिक बधाई.’ मायावती का संवाददाता सम्मेलन करीब 21 मिनट चला. संवाददाता सम्मेलन के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह सपा पर कुछ क्यों नहीं बोलीं तो उन्होंने कहा कि उनका जन्मदिन पूरे देशभर में जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसीलिए उन्होंने ज्यादातर केंद्र से संबंधित देश के खास व ज्वलंत मुद्दों पर ही अपनी बात देश की जनता के समक्ष रखी.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यदि मुझे इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं यहां की राजनीति के बारे में बात करनी होती तो यकीनन इतना समय और भी लग जाता, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार जनहित व जनकल्याण के विरूद्ध एक ऐसी सरकार है जिसके संकीर्ण व गलत कार्यकलापों के कारण यहां की समस्त 22 करोड़ जनता काफी दुःखी व त्रस्त है.’ उत्तर प्रदेश के दो शहरों में कमिश्नर पुलिस प्रणाली लागू होने संबंधी एक सवाल पर मायावती ने कहा कि ‘‘जब तक भाजपा सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम नहीं करेगी तबतक इस प्रकार के सरकारी कदम उठाने का कोई भी सही लाभ जनता को नहीं मिलने वाला है.’

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं है बल्कि अपराधियों का ही हर तरफ जंगलराज है. क्या उत्तर प्रदेश सरकार हमारी सरकार की तरह अपनी पार्टी के सांसदों व विधायकों आदि के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करके दिखा सकती है ताकि सरकार का इकबाल बुलंद रहे व आमजनता सुख-शांति से अपना जीवन व्यतीत कर सके? केवल व्यवस्था बनाने से नहीं बल्कि अपराध नियंत्रण व बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है, जो खासकर उप्र सरकार में थोड़ी भी अबतक दिखायी नहीं पड़ती है.’

सीएए, एनआरसी व एनआरपी संबंधी एक अन्य सवाल पर मायावती ने कहा, ‘‘देश की आमजनता के जीवन को सीधे तौर पर नोटबंदी आदि की इमरजेंसी की तरह ही प्रभावित करने वाले इन मामलों में केंद्र सरकार को आमसहमति बनाकर ही काम करना चाहिए था. लेकिन केंद्र सरकार ने इसके विपरीत काम करते हुये ना तो कोई सर्वदलीय बैठक बुलाई और ना ही इन विषयों को बेहतर विचार-विमर्श के लिए संसदीय समिति को भेजा, जबकि बसपा बार-बार इस प्रकार का आग्रह केंद्र सरकार से करती रही कि नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पारित करने से पहले इसे स्टैडिंग समिति को भेजा जाये, ताकि पूर्णतः सही व संवैधानिक तौर पर यह विधेयक तैयार होकर कानून के तौर पर जनता के सामने आ सके.’

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