UP : ”D कंपनी” ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को दी परिवार समेत उड़ाने की ‘धमकी”

लखनऊ : मदरसों पर आतंकवाद का आरोप लगा कर उन्हें बंद करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करनेवाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने खुद को माफिया सरगना दाऊद इब्राहीम के गुर्गे द्वारा फोन पर धमकी दिये जाने का दावा किया है. रिजवी ने सआदतगंज थाने में रविवार को दर्ज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2018 5:53 PM

लखनऊ : मदरसों पर आतंकवाद का आरोप लगा कर उन्हें बंद करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करनेवाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने खुद को माफिया सरगना दाऊद इब्राहीम के गुर्गे द्वारा फोन पर धमकी दिये जाने का दावा किया है. रिजवी ने सआदतगंज थाने में रविवार को दर्ज करायी गयी. शिकायत में दावा किया है कि उन्हें दाऊद इब्राहीम के गुर्गे ने फोन करके कहा कि वह मौलवियों से माफी मांगे, नहीं तो उनके परिवार को बम से उड़ा दिया जायेगा. रिजवी ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सआदतगंज थाने में मामला दर्ज कराया है. मालूम हो कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रिजवी ने गत आठ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मदरसों को ‘मानसिक कट्टरवाद’ को बढ़ावा देनेवाला बताते हुए उन्हें स्कूल में तब्दील करने और उनमें इस्लामी शिक्षा को वैकल्पिक बनाने का अनुरोध किया था.

रिजवी ने पत्र में दावा किया था कि मदरसों में गलत शिक्षा मिलने की वजह से उनके विद्यार्थी धीरे-धीरे आतंकवाद की तरफ बढ़ जाते हैं. देश के ज्यादातर मदरसे जकात में दिये गये धन से ही चल रहे हैं और यह धन बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से भी आ रहा है. यहां तक कि कुछ आतंकवादी संगठन भी मदरसों को माली मदद पहुंचा रहे हैं. उन्होंने पत्र में कहा था, ‘‘केंद्र सरकार से अनुरोध है कि भारत में मदरसा बोर्डों को समाप्त कर सभी मदरसों को स्कूल की श्रेणी में तब्दील कर दिया जाये और ऐसे स्कूलों को राज्य शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से पंजीकृत कराया जाये. ताकि, मुस्लिम समाज के बच्चों को अपने निजी स्वार्थ और कट्टरपंथी मानसिकता के चलते मानसिक शोषण कर रहे कुछ संगठनों और कुछ मौलवियों की साजिश से बचाया जा सके.’

मुसलमानों के प्रमुख सामाजिक संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने रिजवी को हाल में कानूनी नोटिस भेज कर 20 करोड़ रुपये बतौर हर्जाना मांगे थे. जमीयत उलमा-ए-हिंद की महाराष्ट्र इकाई ने रिजवी को जारी नोटिस में कहा था कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने मदरसों को आतंकवाद और कट्टरवाद से जोड़ कर उनका अपमान किया है. रिजवी ने आपराधिक नीयत से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मदरसों के बारे में गलत बातें कहीं, लिहाजा इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है. वह बिना शर्त लिखित माफी मांगे. साथ ही भावनाओं को जान-बूझ कर ठेस पहुंचाने के लिए जमीयत को 20 करोड़ रुपये बतौर मानहानि के हर्जाने के तौर पर चुकाएं. नोटिस में कहा गया है कि अगर रिजवी इस नोटिस पर ध्यान नहीं देते हैं और मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो जमीयत के पास उनके खिलाफ मानहानि, दीवानी या आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा.

Next Article

Exit mobile version