UP News: यूपी में मदरसों के बाद अब वक्फ संपत्तियों की होगी जांच, योगी सरकार ने जारी किया आदेश

यूपी में मदरसों के सर्वे के बाद अब वक्फ संपत्तियों की भी जांच कराने की तैयारी है. इसके तहत सरकार सामान्य संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराए गए सभी मामलों की जांच करेगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के भीतर सर्वे पूरा कराने के निर्देश दिए हैं.

By Prabhat Khabar | September 21, 2022 9:26 AM

Lucknow News: प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मदरसों का सर्वे लगातार जारी है. इस बीच अब योगी सरकार वक्फ संपत्तियों की भी जांच कराने की तैयारी कर चुकी है. इसके तहत सरकार सामान्य संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराए गए सभी मामलों की जांच करेगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं

है.

सरकार ने निरस्त किया 1989 का शासनादेश

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए. योगी सरकार ने राजस्व विभाग के साल 1989 के शासनादेश को समाप्त कर दिया है. साथ ही एक माह में जांच पूरी करने के निर्देश जारी कर दिए दिए हैं. साथ ही सभी 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं.

राजस्व अभिलेखों में दर्ज होगी वक्फ की संपत्तियां

दरअसल, गैर वक्फ संपत्तियों को वक्फ संपत्ति में दर्ज करने की अनियमितताओं के चलते विभाग ने आठ अगस्त को 1989 वाला शासनादेश निरस्त कर दिया है. ऐसे में अब सभी राजस्व अभिलेखों में दर्ज वक्फ संपत्तियों को नियमानुसार दर्ज कराया जाएगा. इसके अलावा गलत तरीके से दर्ज संपत्तियों को सामान्य संपत्तियों में दर्ज किया जाएगा. इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र लिख आदेश जारी किया है.

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एक माह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश

बोर्ड के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने अपने आदेश में कहा कि, सात अप्रैल 1989 से लेकर अब तक वक्फ बोर्ड की जो बंजर, ऊसर सहित अन्य भूमि हैं, उनका ब्योरा जुटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि, इन संपत्तियों का रिकॉर्ड दर्ज किया जा सके, इसके तहत ही ये आदेश जारी किया गया है. ऐसे में अब सभी जिलों के जिलाधिकारी और कमिश्नर को एक कमेटी बनाकर वक्फ बोर्ड की जमीनों को चिह्नित कर एक माह के अंदर रिपोर्ट सौंपनी होगी.

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