UP madarsa survey: 11 सवालों के जवाब पूछकर मदरसे की इनकम और कोर्स की जानकारी जुटा रही टीम

सिलसिले में लखनऊ जिला प्रशासन की एक टीम ने गुरुवार को लखनऊ स्थित इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम नदवतुल उलमा का सर्वेक्षण किया. इस दौरान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, एसडीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम ने डेढ़ घंटे तक मदरसे में सर्वे किया. इस बीच 11 अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी एकत्र की गई.

By Prabhat Khabar | September 16, 2022 4:33 PM

UP Madarsa 11 Point Survey: उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से राज्य भर में ‘गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसों के सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है. इसे लेकर समर्थन और विरोध दोनों तरह की बातें सामने आ रही हैं. इसी सिलसिले में लखनऊ जिला प्रशासन की एक टीम ने गुरुवार को लखनऊ स्थित इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम नदवतुल उलमा का सर्वेक्षण किया. इस दौरान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, एसडीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम ने डेढ़ घंटे तक मदरसे में सर्वे किया. इस बीच 11 अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी एकत्र की गई.

इन 11 बिंदुओं पर हो रहा सर्वे

जानकारी के मुताबिक, 11 बिंदुओं में मदरसे की आय का स्रोत, बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और स्थिरता, छात्रों व शिक्षकों की संख्या, पीने के पानी की उचित सुविधा, फर्नीचर, बिजली, पर्याप्त संख्या में शौचालय और वहां पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम संबंधी सवाल शामिल किए गए हैं.

सूचना मिलने पर सर्वे किया जाएगा

दरअसल, इसी तरह का सर्वे सहारनपुर जिले के एक प्रमुख इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद में भी किया जाएगा. इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने मीडिया से कहा, ‘मदरसे में अच्छा बुनियादी ढांचा है. हमने पूरे कैंपस का निरीक्षण किया. हमें मापदंडों की जांच करने की आवश्यकता नहीं है. हम बस जानकारी एकत्र करेंगे और इसे सरकार को जमा करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘टीम एक सर्वेक्षण के लिए गई और डेटा एकत्र किया क्योंकि मदरसा को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता नहीं है. हमारे पास केवल मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची है. गैर मान्यता प्राप्त मदरसे की जानकारी जुटाई जा रही है. किसी भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसे के बारे में सूचना मिलने पर सर्वे किया जाएगा.’

5 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंप दी जाएगी

वहीं, दारुल उलूम देवबंद में सर्वे की संभावना पर सहारनपुर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत गौर ने मीडिया से कहा, ‘’सर्वे किया जाएगा क्योंकि इसे मान्यता नहीं मिली है. इस पर 5 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. जिले की अन्य तहसीलों में सर्वे किया जा रहा है.’ गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने के राज्य सरकार के फैसले को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे मुस्लिम संगठनों के अलावा बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की ओर से आलोचना झेलनी पड़ रही है. इससे इतर कांग्रेस ने आरएसएस की मदद से संचालित किए जाने वाले ‘सरस्वती शिशु मंदिर’ और मोंटेसरी स्कूलों का भी सर्वे करवाने की मांग की है.

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