UP Board Result : मातृभाषा हिन्दी में फेल हुए यूपी बोर्ड के करीब आठ लाख छात्र

UP Board Result यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 7,97,826 परीक्षार्थी अनिवार्य विषय हिन्दी में फेल हो गए हैं. हालांकि यह संख्या गत वर्ष हिन्दी में फेल होने वालों की तुलना में कम है.

By Rajat Kumar | June 29, 2020 12:01 PM

लखनऊ : हिन्दी हमारी मातृभाषा है और हिन्दी भाषी होने का होने का गर्व हमें हमेशा महसूस करवाया जाता है, पर शायद अब हिन्दी की महत्ता को केवल नारों से तक ही सीमित कर दी गयी है. उत्तर प्रदेश में हिंदी भाषा की दयनीय स्थिति बोर्ड के रिजल्ट में दिखी. उत्तर प्रदेश बोर्ड द्वारा आयोजित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का रिजल्ट शनिवार को जारी किया गया. इस बार जारी यूपी बोर्ड के रिजल्ट में हिंदी विषय में प्रदेश के आठ लाख छात्र फेल हो गये.

गौरतलब है कि यूपी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम शनिवार को घोषित किए गए. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, इंटरमीडिएट के लगभग 2.70 लाख छात्र हिंदी में उत्तीर्ण अंक हासिल करने में असफल रहे. इसी तरह हाई स्कूल के लगभग 5.28 लाख छात्र भी अपने हिंदी के पेपर में पास होने में असफल रहे. हाई स्कूल के लगभग 2.39 लाख छात्र हिंदी के पेपर को छोड़ दिया था. हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 7,97,826 परीक्षार्थी अनिवार्य विषय हिन्दी में फेल हो गए हैं. हालांकि यह संख्या गत वर्ष हिन्दी में फेल होने वालों की तुलना में कम है. गत वर्ष हाईस्कूल और इंटर मिलाकर 9,98,250 परीक्षार्थी हिन्दी में फेल हुए थे.

बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल हिंदी में फेल होने वाले छात्रों की संख्या लगभग दस लाख थी. इस साल कुल मिलाकर 55 लाख छात्र यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए थे. विशेषज्ञ इस स्थिति के लिए शिक्षकों, छात्रों और माता-पिता को दोषी मानते हैं. उन्हें लगता है कि उनमें से कोई भी हिंदी भाषा के बारे में गंभीर नहीं था. ” माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे घर पर अंग्रेजी में हों, उनके लिए हिंदी सबसे कम पसंद की जाने वाली भाषा है.

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