योगी ने जिन्हें कभी बनाया था अपना उत्‍तराधिकारी, अब उनकी पत्नी सुभावती SP के टिकट पर CM को देंगी चुनौती

सीएम योगी के उत्‍तराधिकारी रहे उपेंद्र दत्‍त शुक्‍ला की पत्‍नी सुभावती शुक्‍ला सपा में शामिल हो गई हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सुभावती को सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार दिया है.

By Prabhat Khabar | January 21, 2022 8:38 AM

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनावी की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है. सीएम योगी के करीबी रहे भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष स्व. उपेंद्र दत्त शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ला सपा में शामिल हो गईं हैं. इस बीच खबर आ रही है कि पार्टी सुभावती को गोरखपुर शहर विधानसभा से सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा सकती है.

सीएम योगी ने उपेंद्र दत्त शुक्ल पर जताया था भरोसा

सपा में शामिल हुए सुभावती के जनाधार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है. सीएम योगी ने साल 2017 के उपचुनाव में खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट से उपेंद्र दत्त शुक्ल को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सपा और निषाद पार्टी के गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने उन्हें हरा दिया था.

दोनों बेटों के साथ सपा में शामिल हुईं सुभावती शुक्‍ला

सुभावती शुक्‍ला अपने दोनों बेटे अरविंद दत्त शुक्ल और अमित दत्त शुक्ल के साथ सपा में शामिल हो गईं हैं. उपेंद्र दत्‍त शुक्‍ला का करीब डेढ़ साल पहले बिमारी के चलने निधन हो गया था. उपेंद्र शुक्ला एक बड़े जनाधार वाले नेता थे. सीएम योगी ने अपने इस्तीफे का बाद उपेंद्र दत्‍त शुक्‍ला को अपना उत्‍तराधिकारी के तौर पर सम्‍मानित किया और उन्हें सदर सीट से उम्मीदवार बनाया था.

गोरखपुर सदर सीट का जातिगत समीकरण

बीजेपी का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा होने के बावजूद भी उपेंद्र दत्‍त शुक्‍ला विधानसभा चुनाव नहीं जीत सके थे. उन्हें पार्टी ने तीन बार कौड़राम विधानसभा से मैदान में उतारा और तीनों ही बार उनके हाथ सिर्फ हार लगी. गोरखपुर सदर सीट के जातिगत वोटबैंक की बात करें तो यहां ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. सीट पर करीब 40 हजार मतदाता निषाद और मल्‍लाह हैं. यहां दलित मतदाताओं की संख्या 30 हजार के करीब है, और लगभग 30 हजार ही ब्राह्मण मतदाता हैं. 20 से 25 हजार बनिया और जायसवाल वोटर हैं. राजपूत वोटर की संख्या यहां 20 से 25 हजार हैं.

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