शिवपाल यादव ने जन्माष्टमी की बधाई में कहा, जब भी कोई ‘कंस’ अपने पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटा…

शनिवार को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर शिवपाल यादव ने एक ट्वीट कर अपनेे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. मगर उसमें उन्होंने कंस आदि का जिक्र किया है. यह राजनीतिक विश्लेषकों के बीच में चर्चा के केंद्र में आ चुका है.

By Prabhat Khabar | August 19, 2022 2:23 PM

Shivpal Singh Yadav Tweet: चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच तल्खियां अब कम होते नहीं दिख रहीं. इस बीच मीडिया में कभी शिवपाल तो कभी अखिलेश अपनी तल्ख कमेंट से सबका ध्यान आकर्षित करते रहते हैं. हालांकि, यह खबर जन्माष्टमी से संबंधित है. दरअसल, शनिवार को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर शिवपाल यादव ने एक ट्वीट कर अपनेे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. मगर उसमें उन्होंने कंस आदि का जिक्र किया है. यह राजनीतिक विश्लेषकों के बीच में चर्चा के केंद्र में आ चुका है.


बधाई संदेश में लिखी बातें… 

प्रिय ययाति सुत यदुवंशियों,

अलौकिक “गीता” के उद्घोषक योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।

कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ।।

सम्पूर्ण विश्व के गुरु भगवान कृष्ण का वंदन है।

यदुवंश शिरोमणि भगवान श्रीकृष्ण जगत गुरु हैं। सम्पूर्ण विश्व को गीता का ज्ञान देने वाले शाश्वत सनातन भगवान श्रीकृष्ण सभी यदुवंशजों के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व गौरव हैं। समाज में जब भी कोई ‘कंस’ अपने (पूज्य) पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनाधिकृत अधिपत्य स्थापित करता है, तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं और अपने योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं।

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि

“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ।।”

हे, पूज्य जन और श्रेष्ठ यदुवंशी वीरों निःसंदेह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) भी ईश्वर द्वारा रचित किसी विराट नियति और विधान का परिणाम है।

मेरे यदुवंशी भाइयों और बहनों, आप सभी धरा पर धर्म रक्षक श्रीकृष्ण के ध्वजवाहक हैं। आप वीर और कृष्ण के विराट व्यक्तित्व की प्रतिछाया हैं।

मेरे यदुवंशी भाइयों और बहनों, आप सभी धरा पर धर्म रक्षक श्रीकृष्ण के ध्वजवाहक हैं। आप वीर और कृष्ण के विराट व्यक्तित्व की प्रतिछाया हैं। स्वाभाविक तौर पर ऐसे में धर्म की रक्षा में आपका दायित्व भी महत्वपूर्ण और शाश्वत है। इसलिए हे श्रेष्ठ यदुवंशी वीरों! समाज में धर्म की स्थापना, शांति, सुरक्षा, सद्भाव, समरसता, समन्वय व एकता और लोक कल्याण हेतु मैं आप सभी का आह्वान करता हूं।

जय हो, जय हो राधा माधव,

जय हो ग्वाल कुमारों की,

जय हो, जय हो मथुरा वृंदावन,

यदुवंश के पालनहारों की।

मैं चला धर्म ध्वज लिए हुए,

अपना कर्तव्य निभाने को,

आह्वान तुम्हारा यादव वीरों,

देर न करना आने को ।

पावन पर्व जन्माष्टमी पर अनंत शुभकामनाओं सहित

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