Agra News: महापौर आरक्षण बदलने पर दिग्गजों के मंसूबों पर फिरा पानी, बीजेपी से ये दावेदार सबसे आगे

Agra News: आगरा में नगर निकाय चुनाव 2022 के महापौर पद के लिए प्रत्याशी की आरक्षण सूची जारी हो गई है. जिसको देखकर बीजेपी नेता परेशान हैं. क्योंकि लंबे समय से तमाम बड़े बीजेपी नेता महापौर पद के लिए भागदौड़ करने में लगे हुए थे.

By Prabhat Khabar | December 6, 2022 5:57 PM

Agra News: आगरा में नगर निकाय चुनाव 2022 के महापौर पद के लिए प्रत्याशी की आरक्षण सूची जारी हो गई है. जिसको देखकर बीजेपी नेता परेशान हैं. क्योंकि लंबे समय से तमाम बड़े बीजेपी नेता महापौर पद के लिए भागदौड़ करने में लगे हुए थे. लेकिन आगरा की महापौर सीट के अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने के बाद तमाम दिग्गज नेताओं की पैरोकारी बर्बाद हो गई है.

भाजपा दलित वर्ग प्रत्याशी की खोज में जुटी

ज्ञात हो कि सोमवार को शाम शासन स्तर से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के महापौर पद के प्रत्याशियों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई थी. जिसमें ताजनगरी के महापौर पद की प्रत्याशी अब महिला होगी. और वह भी अनुसूचित वर्ग से होगी. इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और संगठन के लोग आगरा में दलित वर्ग की महिला प्रत्याशी की खोजबीन में जुट गए हैं. और कई महिला प्रत्याशियों के नाम भी दावेदारी में शामिल हो गए हैं.

महापौर पद के लिए कल्पना पिप्पल का नाम चर्चा में

महापौर पद की दावेदारी की बात की जाए तो आगरा में अनुसूचित जाति से कल्पना पिप्पल का नाम सर्वाधिक चर्चाओं में चल रहा है. बता दें कल्पना पिप्पल ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक पिप्पल की पुत्रवधू हैं. आगरा की महापौर सीट अनुसूचित जाति महिला की होने के बाद अशोक पिप्पल ने अपनी पुत्रवधू को महापौर पद पर चुनाव लड़ाने की इच्छा संगठन से जाहिर की है.

कौन है कल्पना पिप्पल

कल्पना पिप्पल की योग्यता की बात की जाए तो उनकी उम्र 36 वर्ष है और उन्होंने मास्टर एंड साइंस से अपनी शिक्षा पूर्ण की है. वहीं ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री अशोक पिप्पल वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा तमाम सामाजिक कार्यों में भी अशोक पिपल हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

आगरा में महापौर पद का आरक्षण जारी 

आगरा में महापौर पद का आरक्षण जारी होने के बाद पुराने तमाम ऐसे दिग्गज नेता हैं जो महापौर की सीट के लिए लखनऊ और दिल्ली तक भाग दौड़ कर रहे थे. उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है. सालों से संगठन में काम कर और पार्टी में अपना चेहरा चमका कर महापौर प्रत्याशी पद के लिए दावेदारी करने वालों के पास अब बात करने व चर्चा करने के अलावा कुछ भी नहीं बचा है.

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