कानपुर में छठ पूजा को लेकर घाटों पर शुरू हुई तैयारियां, जानें चार द‍िन के व्रत की खूबी

छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है. यह चार दिवसीय उत्सव है, जिसकी शुरुआत कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है. नहाय खाय से पहला दिन शुरू होता है. यह छठ पूजा का पहला दिन है. नहाय खाय के दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है.

By Prabhat Khabar | October 26, 2022 6:00 PM

Kanpur News: पूर्वांचल और बिहार का महापर्व छठ 30 अक्टूबर को है इसको लेकर कानपुर में एक दर्जन से अधिक जगह पर घाटों की साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया. घाटों के किनारे बेदिया भी लोग बना रहे हैं. घाटों की सफाई के लिए नगर निगम के कर्मी लगे हुए हैं. बिजली के पोल में खराब स्ट्रीट लाइटों को बदला जा रहा है.

4 दिनों का है लोक पर्व छठ

छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला लोक पर्व है. यह चार दिवसीय उत्सव है, जिसकी शुरुआत कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है. नहाय खाय से पहला दिन शुरू होता है. यह छठ पूजा का पहला दिन है. नहाय खाय से मतलब है कि इस दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है. मन को तामसिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए शाकाहारी भोजन किया जाता है. छठ पूजा का दूसरा दिन खरना का है. खरना का मतलब पूरे दिन के उपवास से है. इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति जल की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करता है. संध्या के समय गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करती हैं. साथ ही, घर के बाकि सदस्यों को इसे प्रसाद के तौर पर दिया जाता है.

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सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं

छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ का होता है यह कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इस दिन संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रति अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं. अर्घ्य के समय सूर्य देव को जल और दूध चढ़ाया जाता है और प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है. सूर्य देव की उपासना के बाद रात्रि में छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनी जाती है. छठ पूजा का चौथा दिन अंतिम दिन होता है. इस दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वरदान मांगा जाता है. इसके बाद पारण क‍िया जाता है.

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कानपुर में इन जगह शुरू हुई तैयारियां

छठ पूजा को लेकर पनकी नहर, अर्मापुर नगर, अर्मापुर ग्राउंड, नारामऊ, नमक फैक्ट्री, शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क, डबल पुलिया,गोविंद नगर, गुजैनी आदि जगहों और घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गई है. सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए स्टेज बनना शुरू हो गए हैं. नगर निगम और बिजली विभाग घाटों पर रोशनी करने के लिए पोल कि स्ट्रीट लाइटों को सही कर रहा है.

र‍िपोर्ट : आयुष त‍िवारी

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