UP: बरेली में रिश्तों का कत्ल, जेल से आते ही भाई को उतार दिया मौत के घाट, खुद भी की जान देने की कोशिश

बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र के दलीपुर गांव में उम्रकैद की सजा काटकर लौटे भाई ने छोटे भाई की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी. इसके बाद खुद भी कुल्हाड़ी से हमला कर जान देने की कोशिश की. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है.

By Sohit Kumar | November 21, 2022 11:57 AM

Bareilly News: बरेली में लगातार रिश्तों का कत्ल हो रहा है. रविवार को 20 हजार रुपये के लिए एक कलयुगी पुत्र ने पिता की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि भमोरा थाना क्षेत्र के दलीपुर गांव में उम्रकैद की सजा काटकर लौटे भाई ने छोटे भाई की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर दी.

पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

इसके बाद खुद भी कुल्हाड़ी से हमला कर जान देने की कोशिश की. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है. इसके साथ ही शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

क्या था पूरा मामला

दरअसल, बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र के दलीपुर गांव निवासी धर्मवीर को एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी. उसको सजा सुनाए जाने से पहले शादी हो गई थी, लेकिन गौना (पत्नी की विदाई) नहीं हुआ थी. धर्मवीर को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद उसके परिजनों की सहमति पर सौतेले भाई ओमप्रकाश के साथ पत्नी को विदा कर दिया. पुलिस ने बताया कि ओमप्रकाश के 4 बच्चे हैं.

कुल्हाड़ी से छोटे भाई पर किया हमला

धर्मवीर का जेल में चाल चलन सही होने पर 20 वर्ष की सजा के बाद 5 महीने पहले रिहा कर दिया गया. वह सीबीगंज की एक प्लाइवुड फैक्टरी में काम करने लगा. वह रविवार को कुल्हाड़ी लेकर लौटा था. उसने कुल्हाड़ी पर पहले धार लगाई. इसके बाद देर रात भाई ओमप्रकाश पर हमला कर दिया. उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव

इसके बाद खुद भी जान देने की कोशिश में कुल्हाड़ी से हमला किया. इससे वह घायल हो गया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. इसके साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया. एसपी देहात ने मौका मुआयना किया. उन्होंने बताया कि पत्नी को लेकर काफी समय से विवाद था. इसके बाद ही घटना को अंजाम दिया है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली