Kanpur: कोरथा गांव में पसरा सन्‍नाटा, दो बेटी के बाद मांगी थी बेटे की मन्नत, कराने गए थे मुंडन संस्कार

शनिवार को मुंडन संस्कार के लिए गांव की महिलाओं और बच्चों लेकर राजू निषाद चंद्रिका देवी मंदिर गए थे. रास्ते में राजू ने जाते और आते समय शराब पी ली थी. खुद ही वह ट्रैक्टर चला रहा था. लौटते समय घर से 5 किमी पहले तेज रफ्तार ट्रैक्‍टर अनियंत्रित होकर पानी से भरी खाई में गिर गया. 27 लोगों की मौत हो गई.

By Prabhat Khabar | October 2, 2022 11:01 AM

Kanpur Accident News: कानपुर के साढ़ थानाक्षेत्र के कोरथा गांव के रहने वाले राजू निषाद और उसकी पत्नी ज्ञानवती को दो बेटियां हुईं थीं. डेढ़ साल पहले उन्होंने मन्नत मांगी कि बेटा होने पर चंद्रिका देवी आएंगे. ज्ञानवती को बेटा हुआ तो उन्होंने नवरात्रि में मुंडन संस्कार कराने की तैयारी की. शनिवार को मुंडन संस्कार के लिए गांव की महिलाओं और बच्चों लेकर राजू निषाद चंद्रिका देवी मंदिर गए थे. रास्ते में राजू ने जाते और आते समय शराब पी ली थी. खुद ही वह ट्रैक्टर चला रहा था. लौटते समय घर से 5 किमी पहले तेज रफ्तार ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पानी से भरी खाई में गिर गया. इससे बड़ा हादसा हो गया. हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई. हादसा होने के बाद वही 7 महीने का बेटा हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती है.

हादसे के बाद से राजू फरार

ज्ञानवती ने मीडिया से हुई बातचीत में बताया है कि मेरे पति राजू का कोई पता नहीं है. जब ट्रॉली पलटी तो लगा कि कुछ लोगों के हाथ-पैर टूटे होंगे, नहीं जानती थी कि इतने लोगों की मौत हो जाएगी. ज्ञानवती ने अपनी बेटी दिया और सास को हादसे में खो दिया है. ज्ञानवती की बहन रामवती की बेटी रचना की भी हादसे में मौत हो गई है. उसके परिवार में अन्य 3 बहनों की भी मौत हो चुकी है. ज्ञानवती के परिवार के 12 लोगों की मौत हुई है. हादसे के बाद परिवार पूरी तरह टूट चुका है और बदहवास है.

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गांव में छाया मातम

हादसे के बाद से गांव में चारों तरफ मातम पसरा हुआ है. हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके. एक भी घर में अभी तक चूल्हा नहीं जला. सुबह 4:30 बजे से एक-एक करके भीतर गांव सीएचसी से शवों को कोरथा गांव भेजने का सिलसिला जारी हो गया. गांव में शव पहुंचते ही चीख पुकार मच गई है जैसे-जैसे सभी शव पहुंचते गए तो पूरा गांव मातम में डूब गया. किसी की पत्नी की हादसे में मौत हो गई तो किसी ने अपने घर के इकलौते चिराग को खो दिया. किसी का पूरा परिवार ही उजड़ गया. हर तरफ गम, गुस्सा और चीख पुकार मची हुई थी. हर कोई अपने के बिछड़ने की बात को विश्वास नहीं कर पा रहा था. कोई लिपट कर रोता दिखा तो कोई तो कोई यह कह रहा था कि बेटा एक बार आंख खोल दो बस.अम्मा देखो इंतजार कर रही है. हम लोग दशहरा मेला देखने चलेंगे.

रात्रि में हुआ पोस्टमार्टम

शनिवार को हुए हादसे में कमिश्नर राजशेखर, डीएम विशाख जी. अय्यर, ADG भानु भास्कर, IG प्रशांत कुमार समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे.सभी ने आपस में बातचीत के बाद तय किया कि भीतरगांव सीएचसी में ही सभी शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा और बाद में शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा.इसके बाद 10 डॉक्टरों के पैनल ने हादसे में जान गंवाने वाले 26 महिलाएं और बच्चों का पोस्टमॉर्टम किया.रविवार सुबह करीब 4:30 बजे पोस्टमॉर्टम के बाद पहला शव गांव भेजा गया.इसके बाद से धीरे-धीरे सभी शवों को गांव में भेज गया.फिलहाल प्रशासन एक साथ सभी शव का अंतिम संस्कार कराने की तैयारी में है.

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रिपोर्ट : आयुष त‍िवारी

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