ज्ञानवापी पर न्‍याय म‍िलने तक लड़ेंगे विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत, याच‍िका नहीं लेंगे वाप‍िस

पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विशेश्वरनाथ कोर्ट से यह सवाल पूछ रहे हैं, 'मैंने कौन सा अपराध किया है? जो मुझे सेवा पूजा से वंचित रखा गया है. न स्नान न भोग. आखिर इतनी अवहेलना क्यों मेरी? इस बात को लेकर मैं कोर्ट में गया हूं. इसके पीछे मेरा कोई राजनीतिक स्वार्थ नहीं है.'

By Prabhat Khabar | May 26, 2022 10:41 AM

Varanasi News: विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी के वजूखाने में प्राप्‍त शिवलिंग की पूजा करने के लिए वह अदालत की चौखट में पहुंचे हैं. उन्होंने शिवलिंग के पूजन के अधिकार सहित प्रतिदिन भोग आरती व अन्‍य वैदिक रीति रिवाजों और परंपराओं के निर्विघ्‍न पूरा करने को लेकर कोर्ट में याचिका दी है. हालांकि, मुकदमा वापस लेने की अफवाहों के बीच में उन्होंने मीडिया से बातचीत कर इस बात को गलत साबित करते हुए कहा कि वे यह लड़ाई अंत तक लड़ेंगे.

‘शिव का शहर है काशी’

पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विशेश्वरनाथ कोर्ट से यह सवाल पूछ रहे हैं, ‘मैंने कौन सा अपराध किया है? जो मुझे सेवा पूजा से वंचित रखा गया है. न स्नान न भोग. आखिर इतनी अवहेलना क्यों मेरी? इस बात को लेकर मैं कोर्ट में गया हूं. इसके पीछे मेरा कोई राजनीतिक स्वार्थ नहीं है. मैं धर्म से जुड़ा व्यक्ति हूं. मुझे बहुत अफसोस है कि हिंदू-मुस्लिम के झगड़ों के चक्कर में बाबा आज अदालत में आ गए. इस लड़ाई में हार-जीत का फैसला होना बाकी है. मैं चाहता हूं कि विशेश्वरनाथ की सेवा पूजा प्रारम्भ की जाए. इतने दिनों से बंद पड़े हैं. इसलिए मैंने विशेश्वरनाथ की तरफ से कोर्ट में अपना मुकदमा दाखिल किया है. शिव का शहर है काशी. यहां शिव की ये स्थिति मान्य नहीं होगी. इसकी लड़ाई हम अंत तक लड़ेंगे. जबतक हमें न्याय न मिल जाए.’

‘हमारी फाइल कोर्ट में है’

अधिवक्ता एसके द्विवेदी ने बताया कि जब से कमीशन की रिपोर्ट आई है तब से सनातनी धर्म को यह विश्वास हुआ कि वहां बाबा विशेश्वरनाथ प्रकट हुए हैं. तब से सबके मन में एक ही भावना है कि बाबा विशेश्वरनाथ जब तक हमारे संज्ञान में नहीं थे, तब की बात अलग है. मगर अब जब वह साक्षात स्वरूप हमारे सामने हैं तो उनके पूजा-आरती का प्रबंध किया जाना चाहिए. इसके संदर्भ में व्यक्तिगत रूप से सभी लोगों ने काशी विश्वनाथ मंदिर महंत कुलपति तिवारी से सम्पर्क किया. इस बात को लेकर महंतजी काफी व्यथित थे कि जिस परम्परा का पालन महंत परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी करता चला आ रहा है. उस परिवार के रहते बाबा विशेश्वरनाथ बिना पूजा-आरती के रह रहे हैं. इसको लेकर यह मुकदमा दायर किया गया है. उन्‍होंने कहा, ‘मगर जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि महंत कुलपति तिवारी ने मुकदमा वापस ले लिया है. उनको बताना चाहता हूं कि मैं महंत परिवार का अधिकृत वकील होने की हैसियत से यह कहूंगा कि हमारी फाइल कोर्ट के सामने है. उस पर हमें पक्षकार बनाने हेतु अभी विचार किया जाना है.’

रिपोर्ट : विपिन सिंह

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