बरेली में मकान न बेचने पर गढ़ी पलायन की झूठी साजिश, पुलिस ने किया बेनकाब, जानें क्या है मामला…

शहर के बिहारीपुर खत्रियान मोहल्ले के निवासी घनश्याम दास काफी समय से अपना मकान बेच रहे थे. उन्होंने पहले परिवार और मोहल्ले के तमाम लोगों से मकान बेचने की बात कही.मगर, यह लोग मकान आधी कीमत पर लेने की कोशिश में थे. घनश्याम दास ने दरगाह आला हजरत से जुड़े एक सदस्य के हाथ मकान का सौदा 49 लाख में कर दिया.

By Prabhat Khabar | May 29, 2022 6:52 PM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में मकान बेचने-खरीदने के विवाद को एक समुदाय के लोगों ने पलायन की झुठी साजिश रच दी है. इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल की. इसके बाद पलायन की झूठी साजिश रचने वालों को फटकार लगाई. इसके साथ ही शांति भंग की कार्रवाई की है.

घरों पर पलायन के पर्चे लगा दिए

शहर के बिहारीपुर खत्रियान मोहल्ले के निवासी घनश्याम दास काफी समय से अपना मकान बेच रहे थे. उन्होंने पहले परिवार और मोहल्ले के तमाम लोगों से मकान बेचने की बात कही.मगर, यह लोग मकान आधी कीमत पर लेने की कोशिश में थे. इसके चलते घनश्याम दास ने दरगाह आला हजरत से जुड़े एक सदस्य के हाथ मकान का सौदा 49 लाख में कर दिया. मकान का एग्रीमेंट होने से खफा एक समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर पलायन के पर्चे लगा दिए. उनका कहा था कि हमारे मोहल्ले का मकान किसी अन्य समुदाय का व्यक्ति नहीं खरीदेगा.इसके साथ ही एग्रीमेंट निरस्त करने की मांग पर धरने पर बैठ गए.

मकान बेचने-खरीदने का मामला है.पलायन जैसी कोई बात नहीं है.माहौल खराब करने वालों का शांति भंग में चालान किया गया है.

रविन्द्र कुमार, एसपी सिटी

पलायन के नाम पर मामला तूल पकड़ा गया.जिसके चलते कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने लोगों को समझाया.इसके साथ ही घनश्याम दास के मकान की कीमत के मुताबिक लेने की बात कही. पुलिस के कहने के बाद यह लोग मकान लेने को तैयार हो गए.इस पर पुराना एग्रीमेंट कैंसिल करा दिया गया है. मगर पुलिस ने मकान बेचने वाले घनश्याम दास, उनके बेटे और दूसरे पक्ष के मनोज, अर्पित और राजीव का शांति भंग में चालान किया है.

यह है मामला

मकान में घनश्याम दास और उनके दूसरे भाई सुभाष सेठ हिस्सेदार हैं. इस मुहल्ले के रास्ते काफी तंग है. इसके चलते कार समेत अन्य वाहन नहीं निकल पाते. सुबह से रात तक जाम रहता है. इसलिए घनश्याम दास ने पहले अपने भाई सुभाष सेठ से मकान लेने को कहा था. मगर उन्होंने मकान की कीमत नहीं दी. वह काफी सस्ता लेने को थे. इसके बाद मुहल्ले के अन्य लोगों से कहा लेकिन सभी आधी कीमत पर लेना चाहते थे. इसलिए घनश्याम दास ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति से 49 लाख में सौदा कर दिया. इसका एग्रीमेंट होते ही घनश्याम दास के समुदाय के लोगों ने विवाद खड़ा कर दिया.

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