BJP का मिशन 2024 को लेकर खास प्लान, UP में जिलाध्यक्षों को डाटा मैनेजमेंट सिखाएंगे विशेषज्ञ, होगा स्पेशल सत्र

इस तरह भाजपा ने मिशन 2024 की तैयारियों को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी है. लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का फोकस डाटा मैनेजमेंट पर रहेगा और इसके जरिए वह कई निशााने साधेगी. पार्टी नई रणनीति के तहत मोदी और योगी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों का आंकड़ा जुटाएगी.

By Prabhat Khabar | January 16, 2023 4:56 PM

Lucknow: भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर संगठन स्तर पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय नेतृत्व से मिले दिशा निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में संगठन इसे धरातल पर सफल बनाने में जुट गया है. पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों को लेकर खास ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके लिए जहां नेताओं को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय किया गया है, वहीं सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में पार्टी का फोकस डाटा मैनेजमेंट पर है.

सभी जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी रहेंगे मौजूद

भाजपा नेतृत्व ने मिशन 2024 की तैयारियों के मद्देनजर जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों को विशेष तौर पर तैयार करने का निर्णय किया है. इसमें प्रदेश के सभी 75 जिलाध्यक्षों को डाटा प्रबंधन के गुर सिखाए जाएंगे. इसके लिए 18 जनवरी को स्पेशल सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ डाटा मैनेजमेंट के बारे में जिलास्तरीय नेताओं को अहम जानकारी देंगे. पार्टी ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. सियासी लिहाज से ये भाजपा की अहम तकनीकी बैठक होगी, जिसमें जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी नई रणनीति से वाकिफ होंगे.

लाभार्थियों का जुटाया जाएगा आंकड़ा

इस तरह भाजपा ने मिशन 2024 की तैयारियों को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी है. लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का फोकस डाटा पर रहेगा और इसके जरिए वह कई निशााने साधेगी. पार्टी नई रणनीति के तहत मोदी और योगी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों का आंकड़ा जुटाएगी. साथ ही मतदाताओं के जातीय समीकरण और उनकी आर्थिक स्थिति का भी जानकारी एकत्र की जाएगी. इसके बाद सियासी रणनीति को धार देते हुए वह विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए इनका इस्तेमाल करेगी.

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80 सीटें जीतने का लक्ष्य

पार्टी नेतृत्व ने राज्य की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इन पर अलग-अलग फोकस किया है. इसके लिए वह बूथ स्तर पर नए सिरे से काम करने में जुट गई है. पार्टी नेता हमेशा से ही बूथ पर मिली जीत को ही सबसे मजबूत आधार बताते रहे हैं. ऐसे में मतदाताओं के जातीय समीकरण, आर्थिक स्थिति और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा का इस्तेमाल वह बूथ स्तर पर भी अपने पक्ष में करेगी.

इन सीटों पर भी फोकस

इसके साथ ही पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों से लेकर जहां पार्टी कमजोर है या जहां जीत का अंतर कम रहा है, उसे लेकर भी पार्टी ने खास प्लान तैयार किया है. इसमें विभिन्न नेताओं को जिम्मेदारी सौंपने से लेकर यहां के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे.

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