‘उगे अगस्त फूले बन कास, अब छोड़ो बरखा की आस’: कहावतों की मानें तो अब यूपी में बारिश की नहीं रह गयी आस

महाकवि घाघ को कृषि पंडित भी कहा जाता है. उनकी कहावतें ग्रामीण क्षेत्र में खूब प्रचलित हैं. इन दिनों जब बारिश की उम्मीदें खत्म हो गयी हैं, तब घाघ की कहावतें लोगों की जुबान पर हैं. राजधानी के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों खेतों में कास के फूल उग आये हैं.

By Amit Yadav | September 12, 2022 9:28 AM

Lucknow: ‘उगे अगस्त फूले बन कास, अब छोड़ो बरखा की आस’, यानी कि अगस्त तारे के निकलते ही जंगल में कास फूलने लगे हैं, अतः अब वर्षा की आशा छोड़ देनी चाहिए. यह कहावत ‘महाकवि घाघ’ की है. पुराने समय से मौसम संबंधी सटीक कहावतों के लिये घाघ को जाना जाता है. महाकवि घाघ की कहावतों को मानें तो अब बारिश की आश छोड़ देनी चाहिये.

खेतों में कास उगने से टूटी ग्रामीणों की आस

महाकवि घाघ को कृषि पंडित भी कहा जाता है. उनकी कहावतें ग्रामीण क्षेत्र में खूब प्रचलित हैं. इन दिनों जब बारिश की उम्मीदें खत्म हो गयी हैं, तब भी घाघ की कहावतें लोगों की जुबान पर हैं. राजधानी के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों खेतों में कास के फूल उग आये हैं. इसलिये ग्रामीणों ने बारिश की उम्मीद छोड़ दी है. अमेठी महुराकलां के रहने वाले नरेंद्र वर्मा बताते हैं कि उनके आस-पास के खेतों में सफेद कास निकल आया है.

महाकवि घाघ की कहावतें ग्रामीण क्षेत्रों में है मशहूर

नरेंद्र वर्मा, कुलदीप यादव, गजल सिंह यादव अपने खेतों की तरफ घूमने निकले थे. कास के फूल उगे देख कर उनके दोस्त के मुंह से ऐसे ही महाकवि घाघ की कहावत निकल पड़ी, ‘उगे अगस्त फूले बन कास, अब छोड़ो बरखा की आस’ इस पर वह लोग चर्चा करने लगे. नरेंद्र ने प्रभात खबर को खेतों के कुछ वीडियो और फोटो भी उपलब्ध कराये हैं.

सीएम योगी ने 60 जिलों में राजस्व वसूली स्थगित की

यूपी में इस बारिश अच्छी नहीं हुई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कब बारिश के कारण 60 जिलों में राजस्व वसूली न करने के निर्देश दिये हैं. अगर बारिश की स्थिति पर नजर डालें तो यूपी में 28 जिले ऐसे हैं जहां 40 फीसदी से कम बारिश हुई है. इस बार यूपी में लगभग 335 मिलीमीटर बारिश हुई है. जो औसत से बारिश का लगभग आधा है.

इन जिलों में 40 फीसदी से कम बारिश

हरदोई, बहराइच, उन्नाव, मऊ, अमेठी, पीलीभीत, बलिया, बस्ती, गोंडा, संत कबीर नगर, कौशांबी, कानपुर देहात, रायबरेली, जौनपुर, चंदौली, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मिर्जापुर, संभल, बरेली, बुलंदशहर, शामली, अमरोहा, रामपुर, शाहजहांपुर, बागपत.

Next Article

Exit mobile version