अखिलेश का भाजपा पर तंज, बोले- इन्वेस्टर्स समिट धोखा, सिर्फ एमओयू साइन होने का मतलब निवेश आना नहीं…

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार छह साल में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं ला पायी. सरकार बताए कि निवेश किस औद्योगिक नीति से ला रही है? पिछले एमओयू साइन होने पर जो इन्वेस्टमेंट आया है, उसमें कितनी इंडस्ट्री को इंसेंटिव दिया है.

By Prabhat Khabar | January 14, 2023 7:20 PM

Lucknow: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन्वेस्टर्स समिट को लेकर एक बार फिर सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का इन्वेस्टर्स समिट धोखा है. 2024 का चुनाव आ गया है, भाजपा सरकार जनता को धोखा देने के जगह-जगह इसी तरह का आयोजन कर दिखावा करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री निवेश लाने नहीं, विदेश घूमने गए थे. सिर्फ एमओयू साइन होने का मतलब निवेश आना नहीं है.

अखिलेश यादव ने शनिवार को रायबरेली में सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय की मां की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में ये बात कही. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग दो सरकार में पुराने कारखाने नहीं चला पाए, चलते कारखाने बंद हो गए, ये लोग क्या इन्वेस्टमेंट लाएंगे.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार छह साल में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं ला पायी. सरकार बताए कि निवेश किस औद्योगिक नीति से ला रही है? पिछले एमओयू साइन होने पर जो इन्वेस्टमेंट आया है, उसमें कितनी इंडस्ट्री को इंसेंटिव दिया है. उन्होंने कहा अगर सरकार ने इन्सेंटिव नहीं दिया, बजट से पैसा नहीं दिया, कोई पॉलिसी नहीं थी, इसका मतलब जमीन पर कुछ नहीं उतरा.

अखिलेश यादव ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी चरम सीमा पर है. भाजपा झूठ बोलने में नंबर एक है. इस सरकार में किसी को भी काम नहीं मिल सकता. जनता भाजपा को जवाब देगी. भाजपा साफ हो जाएगी. भाजपा कानून और संविधान को नहीं मान रही है. जनता इनका सफाया करेगी.

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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है. पुलिस को जो काम करना चाहिए, वह नहीं कर रही है, उसके अलावा सब कर रही है. भाजपा सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर जवाब नही देती. विपक्ष की आवाज दबाने के लिए भाजपा पुलिस को आगे कर रही है. विधान परिषद, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत में बूथ लूटे गये, जिसने विरोध किया उन पर मुकदमे लगा दिए गए. पत्रकार और मीडिया सच्ची खबर दिखा देते हैं तो सरकार उन पर भी एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाती है.

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