‘जब बीच में ही रोक दी गयी राष्ट्रगान की धुन”

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नये मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आज उस समय सब स्तब्ध रह गये, जब राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रगान की धुन बजाना शुरू कर चुके बैंड को बीच में ही रोक दिया. दरअसल शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद पारंपरिक रूप से राष्ट्रगान बजाया जाता है. आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 2:54 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नये मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आज उस समय सब स्तब्ध रह गये, जब राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रगान की धुन बजाना शुरू कर चुके बैंड को बीच में ही रोक दिया. दरअसल शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद पारंपरिक रूप से राष्ट्रगान बजाया जाता है. आज भी वही हुआ लेकिन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ’ दिलानी थी और उसके बाद राष्ट्रगान बजना था. शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होते ही राष्ट्रगान बजना शुरू हो गया. राज्यपाल नाईक ने इशारे से सामने खडे हुए लोगों से बैठने को कहा. शायद वह शपथ पहले कराना चाहते थे.

इस बीच उनके साथ मौजूद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाईक का हाथ पकडा. वह शायद कहना चाह रहे होंगे कि जब धुन बजनी शुरू हो गयी है तो बीच में मत रोकिये. असमंजस के बीच ये खबर बैंड की टीम तक पहुंची कि राज्यपाल राष्ट्रगान रुकवा रहे हैं. राष्ट्रगान बजना बंद हो गया. राज्यपाल ने फिर शपथ दिलायी और उसके बाद फिर से राष्ट्रगान शुरू हुआ. राज्यपाल के इस कदम पर लोगों ने सवाल उठाया है. राजभवन के एक अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह एक छोटी की गलतफहमी के कारण हुआ और राष्ट्रगान का अपमान करने की कोई मंशा नहीं थी.

कांग्रेस ने इस चूक के लिए जिम्मेदार लोगों से माफी मांगने को कहा है. कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निन्दनीय है. भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, ‘राजभवन में होने वाले समस्त समारोह के बाद राष्ट्रगान की परंपरा है और राज्यपाल ने उन्हीं परंपराओं का पालन किया. आज एकता की शपथ ली जानी थी और देश भर में इस तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं. यहां भी शपथ ली जानी थी और शपथ पत्र की प्रतियां पहले ही सबको बांट दी गयी थीं.’