Right to Health Bill : डॉक्टरों पर लाठी चार्ज, जानें क्यों हो रहा है राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल का विरोध

Right to Health Bill : राइट टू हेल्थ बिल के तहत आपात-स्थिति में निजी अस्पतालों को भी फ्री इलाज करना है. लेकिन, आपात स्थिति को बिल में डिफाइन नहीं किया गया है. जानें क्यों हो रहा है राजस्थान में 'राइट टू हेल्थ' बिल का विरोध

By Amitabh Kumar | March 20, 2023 5:25 PM

right to health bill : राजस्थान की राजधानी जयपुर में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया है. इसका वीडियो भी सामने आया है. आइए जानते हैं कि आखिर राइट टू हेल्थ बिल है क्या और क्यों किया जा रहा है इसका विरोध…दरअसल राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने की घोषणा की है.

राइट टू हेल्थ बिल एक ऐसा कानून है, जो न सिर्फ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने का काम करता है, बल्कि लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा भी मुहैया कराने में यह कारगर है. हालांकि, पूरे राजस्थान के निजी अस्पताल इस सरकारी विधेयक के कुछ प्रावधानों को अपने खिलाफ बताते हुए विरोध पर उतार गये हैं. इसी के विरोध में व आज जयपुर में प्रदर्शन कर रहे थे जब पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा.

देश का पहला राज्य बन जाएगा राजस्थान

राजस्थान की कांग्रेस सरकार जनता को उपचार का अधिकार देने के लिए बिल लागू करने जा रही है. हालांकि, इस बिल को पिछले विधानसभा सत्र में ही पेश किया गया था, लेकिन विरोध के कारण गहलोत सरकार ने इसे टाल दिया था. एक बार फिर गहलोत सरकार इसे पास कराने का मन बना चुकी है. इस बिल के लागू होते ही मरीजों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन जाएगा.

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बिल पर प्रतिक्रिया

प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को ‘राइट टू किल’ बिल की संज्ञा दी है. साथ ही इसे निजी अस्पतालों को बर्बाद करने वाला बताया है. इस बिल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. उन्होंने ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को जनहित का अहम कदम करार दिया है. उन्होंने कहा कि बड़े अस्पताल इस बिल को लेकर नखरे कर रहे हैं. पैसे कमाने की सोच से इन्हें बाहर आना चाहिए. हेल्थ सेक्टर सेवा का काम है.

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