Bhubaneswar News: यूएइ में प्रवासी भारतीयों की शैक्षणिक जरूरतें होंगी पूरी : धर्मेंद्र प्रधान

Bhubaneswar News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यूएइ के दौरे पर आइआइटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस में पीएचडी और बी-टेक कार्यक्रमों की शुरुआत की.

By BIPIN KUMAR YADAV | September 11, 2025 12:02 AM

Bhubaneswar News: भारत और यूएइ के बीच शिक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दो दिवसीय यूएइ दौरे पर हैं. यात्रा के पहले दिन बुधवार को उन्होंने अबू धाबी के आइआइटी दिल्ली कैंपस का दौरा किया और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. यहां केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया गया. उनकी उपस्थिति में कैंपस की वर्तमान रूपरेखा और भविष्य की योजनाओं पर एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर विदेश में पहली बार कैंपस परिसर में अटल इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन करते हुए पीएचडी और बी टेक कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी.

एडीइके की अध्यक्ष से मुलाकात में शिक्षा संबंधी प्राथमिकताओं पर चर्चा की

केंद्रीय मंत्री ने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत कर कैंपस के विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि अबू धाबी में स्थापित यह कैंपस आइआइटी दिल्ली की गौरवशाली परंपरा को प्रतिबिंबित करता है. यह ज्ञान और अनुसंधान के साथ भारत-यूएइ शिक्षा सहयोग का एक लाइटहाउस बनकर उभरा है. केंद्रीय मंत्री ने अबू धाबी की शिक्षा और ज्ञान विभाग (एडीइके) की अध्यक्ष सारा मुसल्लम से भी मुलाकात की और शिक्षा संबंधी प्राथमिकताओं पर चर्चा की. उन्होंने अबू धाबी में आइआइटी दिल्ली कैंपस की स्थापना तथा यूएइ में भारतीय पाठ्यक्रम अपनाने वाले विद्यालयों को दिये जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.

स्कूल स्तर से ही छात्र विनिमय कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने पर बल दिया

बैठक में प्रधान ने भारत में स्कूल स्तर पर स्थापित अटल टिंकरिंग लैब्स की सफलता साझा की और यूएइ के भारतीय विद्यालयों में अटल इनोवेशन लैब्स के कार्यान्वयन पर भी जोर दिया. चर्चा में प्रवासी भारतीयों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए यूएइ में और अधिक भारतीय पाठ्यक्रम आधारित विद्यालय खोलने पर भी विचार हुआ. बैठक में स्कूल स्तर से ही छात्र विनिमय कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया गया. केंद्रीय मंत्री ने एडीइके अध्यक्ष के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा भारत-यूएइ संबंधों का सबसे मजबूत स्तंभ बनेगी. दौरे में केंद्रीय मंत्री यूएइ के शीर्ष नेतृत्व, मंत्रियों, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और भारत-यूएइ संस्थानों के प्रतिनिधियों से शिक्षा, नवाचार और ज्ञान आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे.

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