Rourkela News: तीन साल से नहीं हुई सलाहकार समिति की बैठक, बाधित हो रहा राउरकेला रेलवे स्टेशन का विकास

Rourkela News: राउरकेला स्टेशन के विकास कार्यों में बाधा का सबसे बड़ा कारण स्टेशन सलाहकार समिति की नियमित बैठक का नहीं होना माना जा रहा है.

By BIPIN KUMAR YADAV | September 20, 2025 11:44 PM

Rourkela News: राउरकेला स्टेशन के विकास कार्यों में बाधा का सबसे बड़ा कारण स्टेशन सलाहकार समिति की नियमित बैठक का नहीं होना माना जा रहा है. समिति की बैठकें यात्रियों की मूलभूत समस्याओं पर विमर्श करने और रेलवे अधिकारियों का ध्यान समस्याओं की ओर आकर्षित करने का प्रमुख माध्यम रही हैं. परंतु समिति की निष्क्रियता के कारण यह कार्य ठप हो गया है.

राउरकेला को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने की बनी थी योजना

करीब तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन एआरएम निशांत कुमार ने समिति की बैठक में राउरकेला को वैश्विक स्तर का आदर्श रेलवे स्टेशन बनाये जाने की योजना के बारे में बताया था. उन्होंने इसके लिए रेलवे की ओर से तैयार की गयी विशेष योजना का जिक्र किया था. उस समय उन्होंने यात्रियों की समस्याओं का समाधान व स्टेशन के समग्र विकास पर विशेष जोर दिया था और स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील की थी. लेकिन उसके बाद से आज तक सलाहकार समिति की एक भी बैठक आयोजित नहीं हो सकी. जिससे यात्रियों और नागरिकों को इन योजनाओं की प्रगति की जानकारी नहीं मिल पायी.

ट्रेनों की लेटलतीफी से लेकर साफ-सफाई व सुरक्षा को लेकर यात्री चिंतित

इस संबंध में चर्चा होने पर एआरएम ने कहा कि मामले पर विचार-विमर्श के लिए बैठक बुलायी जायेगी. गौरतलब है कि स्टेशन सलाहकार समिति में रेलवे क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न औद्योगिक संगठनों, व्यापारी संघ से लेकर रेलवे क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. समिति स्टेशन के विकास के लिए यात्रियों से महत्वपूर्ण फीडबैक व सुझाव लेती है और विभागीय अधिकारी समय-समय पर इसकी समीक्षा करते हैं. रेलवे विभाग ने राउरकेला स्टेशन के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी. लेकिन राउरकेला के लोगों को यह नहीं पता था कि यह विकास कैसे हुआ और इसका उपयोग किन क्षेत्रों में हुआ. यदि सलाहकार समिति की बैठक हुई होती, तो राउरकेला के लोगों को इस बारे में पता चल पाता. राउरकेला स्टेशन को टाटा और खड़गपुर की तरह एनएसजी-2 का दर्जा तो प्राप्त है, लेकिन अभी तक उसे स्टेशन निदेशक की मान्यता नहीं दी गयी है. जबकि अन्य दोनों स्टेशनों को यह सुविधा हासिल है. हाल ही में कोलकाता में हुई जेडीएयूसीसी की बैठक में सदस्य रमेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया, जिस पर रेलवे बोर्ड ने निर्णय लेने का आश्वासन दिया.

डीआरएम लगातार कर रहे दौरा, लेकिन जस की तस बनी हुई हैं समस्याएं

चक्रधरपुर डीआरएम वर्तमान में लगातार स्टेशन का दौरा कर रहे हैं और विकास कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं. फिर भी कई बुनियादी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं. स्टेशन पर एस्केलेटर अक्सर खराब रहते हैं जिससे यात्रियों खासकर वृद्ध, महिलाओं और बच्चों को परेशानी उठानी पड़ती है. वंदे भारत एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें विलंब से स्टेशन पहुंचती हैं, जिसके कारण यात्री खासे असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही सफाई व्यवस्था में कमी, अनियमितताएं और अवैध वेंडिंग जैसी समस्याएं भी बरकरार हैं. हाल ही में अवैध वेंडिंग करने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा स्टेशन प्रबंधक पर हमला किये जाने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. सलाहकार समिति पिछले कुछ वर्षों से सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा करती थी. जब भी आवश्यक हुआ, रेलवे के उच्च अधिकारियों और रेल मंत्रालय के कर्मचारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया. समिति के निष्क्रिय होने के बाद यह मुद्दे अब नहीं उठाये जा रहे हैं.

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