Rourkela News : मंदिरा डैम के छह गेट खुले, ब्राह्मणी नदी उफान पर

Rourkela News : लगातार हो रही बारिश के कारण मंदिरा डैम में पानी की आवक बढ़ गयी है. जिससे आरएसपी प्रबंधन छह गेट खोलकर पानी निकाल रहा है.

By BIPIN KUMAR YADAV | July 3, 2025 12:03 AM

Rourkela News : पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण ब्राह्मणी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इधर मंदिरा डैम में खतरे का संकेत 178.420 मीटर है, जबकि चेतावनी जलस्तर 177.510 मीटर है. मंगलवार की सुबह 8:00 बजे तक पानी 174.05 मीटर की ऊंचाई पर बह रहा था और दोपहर में यह 174.240 मीटर था. जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिरा डैम के छह गेट खोल दिये गये हैं.

ब्राह्मणी नदी का जल स्तर बढ़ने से लोगों की चिंता बढ़ी

राउरकेला स्टीट प्लांट की ओर से कहा गया है कि अगर बारिश जारी रही और जलस्तर बढ़ा, तो डैम के और गेट भी खोल दिये जायेंगे. मंदिरा डैम में कुल 11 स्लुइस गेट हैं. मंदिरा डैम में जलस्तर 680 फीट है. बांध में हर घंटे 18354 क्यूसेक पानी प्रवेश कर रहा है, जबकि 18042 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इस बीच ब्राह्मणी के बढ़ते जलस्तर ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है.

राउरकेला नगर निगम और प्रशासन स्थिति पर रख रहें नजर

पिछले सप्ताह पानपोष बालूघाट इलाके में चार से अधिक झुग्गी-झोपड़ियां पानी में डूब गयी थीं. प्रभावित परिवारों को पास के दो स्कूलों में रखा गया था. जलस्तर कम होने के बाद प्रभावित परिवार अपने बच्चों के साथ अपने घर लौटे थे. बीती रात से ही झुग्गियों में पानी घुसना शुरू हो गया है. राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) और प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अगर जलस्तर बढ़ता है, तो बालूघाट की झुग्गियों के कुछ परिवारों को वापस स्कूलों में लाया जायेगा. हर साल झुग्गियों में रहने वाले 100 से अधिक परिवार ऐसी ही दयनीय जिंदगी जीते हैं.

बणई में भी स्थिति गंभीर, कई गांवों में बाढ़ का खतरा

पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से बणई अनुमंडल के लोगों का हाल बेहाल है. ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश के कारण ब्राह्मणी नदी यहां उफान पर है. अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो नदी किनारे के गांव निश्चित तौर पर बाढ़ की चपेट में आ जायेंगे. टांकॉजोड़ा, ललई, जकेईकला, जांगला, सियाजर समेत कई गांव अब खतरे की जद में हैं. नदी के उफान को देख ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर चिंता बढ़ गयी है. भारी बारिश के कारण तलिता, जांगला, महुलडीहा समेत कई अन्य गांवों में किसानों ने जो धान का बीहन लगाया था, वह अब पानी में डूब गया है. खेतों में घुटनों तक पानी भर गया है. धान की फसल अब नदियों के किनारे तैर रही है. सरकार अगर बीज उपलब्ध नहीं कराती है, तो किसानों को नुकसान होने की बात कही जा रही है. दूसरी ओर गुरुंडिया प्रखंड के मधुपुर और तेरेन मेरेन दो नहरों के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे आवागमन में बाधा आ रही है.

स्मार्ट सिटी में भी जलजमाव की समस्या

लगातार बारिश से स्मार्ट सिटी भी अछूती नहीं है. यहां जलजमाव एक व्यापक समस्या बनकर उभरा है. अलग-अलग इलाकों में जमजमाव के कारण लोगों को परेशानी हो रही है.

लाठीकटा में पांच घंटे झमाझम बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त

लाठीकटा ब्लॉक अंचल में बुधवार को सुबह 6:00 बजे से ही आसमान में बादल छाए हुए थे. इसके बाद सुबह 8:00 बजे से लगातार बारिश हुई, जो दोपहर 1:00 बजे तक जारी रही. इस कारण आम लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई. बाजार और सब्जी मंडी सुनसान नजर आये. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से लाठीकटा ब्लॉक क्षेत्र के पानपोष, वेदव्यास, कलुंगा, बिरकेरा, जल्दा, हाथीबांधा और फर्टिलाइजर में बारिश होती रही. इस कारण आम लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके. दिहाड़ी मजदूर भी काम पर नहीं जा पाये. इस पहाड़ी अंचल में आषाढ़ से ही ऐसी स्थिति के बाद श्रावण और भाद्र माह में स्थिति और भी खराब होने की आशंका है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है