Sambalpur News: 50 लाख की साइबर धोखाधड़ी के मामले में झारखंड के सरगना समेत नौ आरोपी गिरफ्तार
Sambalpur News: संबलपुर पुलिस ने 50 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.
Sambalpur News: संबलपुर पुलिस ने साइबर अपराध के मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए झारखंड के सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर लगभग 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी वाले लेनदेन को सुगम बनाने के लिए फर्जी खातों का एक नेटवर्क संचालित करने का आरोप है.
झारखंड के जामताड़ा जिले का निवासी है मुख्य आरोपी अनिल मंडल
जानकारी के अनुसार, शनिवार को मुख्य आरोपी झारखंड के जामताड़ा जिले के मुरलीधी गांव निवासी अनिल कुमार मंडल (37) को एक विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर अइंठापाली बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया गया. आठ अन्य आरोपी भीष्म पधान (25), प्रमोद टांडिया (36), उत्तम जगदला (36), अच्युत बीरा (23), देवेंद्र माझी (25), गौतम जगदला (29), रिंकू बाग (30) और श्रीकांत टांडिया (25) संबलपुर जिले के विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं. तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने अनिल के कब्जे से 35 बैंक पासबुक, 22 एटीएम कार्ड, दो चेक बुक, कई सिम कार्ड, मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड और 930 रुपये नकद बरामद किये. आधार कार्ड पर एक ही तस्वीर और अलग-अलग पहचान संख्याएं अंकित थीं, जो वित्तीय धोखाधड़ी के लिए जाली पहचान पत्रों के इस्तेमाल का संकेत देती हैं.
धनबाद के विक्की मंडल के साथ मिलकर अनिल ने निकाल लिये 50 लाख रुपये
संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार भामू ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि अनिल को 21 सितंबर को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया और 24 सितंबर को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान, उसने इस रैकेट में शामिल 16 खाताधारकों के नामों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि यह पता चला है कि 15 फर्जी खातों के जरिये 50 लाख रुपये निकाले गये. अनिल ने कथित तौर पर झारखंड के धनबाद निवासी विक्की मंडल के साथ मिलकर काम किया. दोनों ने मिलकर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके खच्चर खाते बनवाये और संबलपुर के लोगों को प्रति लेनदेन कमीशन का वादा करके भर्ती किया. एसपी ने कहा कि पूरा रैकेट जामताड़ा से संचालित हो रहा था.
संबलपुर में एजेंट के तौर पर अनिल लोगों को लालच देकर योजना में करता था शामिल
एसपी भामू ने कहा कि अनिल संबलपुर में एक एजेंट के रूप में काम करता था और स्थानीय लोगों को इस योजना में शामिल होने के लिए लुभाता था. सासन और जमनकिरा थाना क्षेत्र के ग्रामीणों को पैसे के बदले अपने बैंक खाते और पहचान पत्र देने के लिए राजी किया जाता था. पुलिस के अनुसार, खाताधारकों को खाते खोलने के लिए शुरुआत में 5,000 रुपये दिये गये थे. इसके बाद, उन्हें प्रत्येक लेनदेन पर कमीशन मिलता था. इनमें से कुछ खातों में एक करोड़ रुपये से भी अधिक के लेनदेन हुए. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2), 338, 336(3), 340(2), 319(2) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है. एसपी भामू ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया जारी है और धोखाधड़ी की पूरी जानकारी जुटाने के लिए जांच चल रही है.
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