Bhubaneswar News: भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन श्री गुंडिचा मंदिर में मौसी के घर पहुंचे

Bhubaneswar News: श्री गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पवित्र पहंडी बिजे देखने के लिए श्रद्धालु एकत्रित हुए.

By BIPIN KUMAR YADAV | June 30, 2025 12:29 AM

Bhubaneswar News: पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ के कुछ घंटों बाद रविवार को भक्त भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पवित्र पहंडी बिजे देखने के लिए श्रद्धा के साथ एकत्र हुए. भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गयी थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे. आडप मंडप बिजे के नाम से मशहूर इस अनुष्ठान का बहुत महत्व है. इस अनुष्ठान के दौरान भगवान जगन्नाथ को उनके भाई-बहन के साथ श्री गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है. यह मंदिर 12वीं शताब्दी के मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर है और यह भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की मौसी का घर है.

सात दिन मौसी के घर में रहकर श्रीमंदिर लौटेंगे देवता

रथ यात्रा के दौरान देवता अपनी मौसी के घर जाते हैं और वहां सात दिन तक रहते हैं और फिर अपने मुख्य निवास श्रीमंदिर लौट आते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार गुंडिचा मंदिर वह स्थान है जहां भगवान विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई, बहन की लकड़ी की मूर्तियों का निर्माण किया था. एक प्रकार से गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ का जन्मस्थान भी माना जाता है. जब तीनों देवताओं को रथों से उतारकर गुंडिचा मंदिर के गर्भगृह की ओर ले जाया जा रहा था, तो वातावरण जय जगन्नाथ और हरिबोल के जयघोष से गूंज उठा. भगवान बलभद्र को सबसे पहले मंदिर में ले जाया गया, उसके बाद देवी सुभद्रा को। भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर में सबसे आखिर में प्रवेश करते हैं.

सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम, श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर की पूजा-अर्चना

दिन में भगदड़ की घटना के बाद श्री गुंडिचा मंदिर में देवताओं के प्रवेश के दौरान पुलिस-प्रशासन मुस्तैद दिखा. मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर और नियमों का पालन करते हुए देवताओं का दर्शन करते देखे गये. श्रद्धालुओं ने देतवाओं की पूजा कर आशीर्वाद लिया.

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