Rourkela News: वैज्ञानिक, तकनीकी और शैक्षिक क्षेत्रों में प्रयोग से हिंदी समृद्ध होगी : डॉ सदन पॉल
Rourkela News: एनआइटी राउरकेला में हिंदी पखवाड़ा के दौरान अनुवाद, तस्वीर क्या बोलती हैं जैसे विविध आयोजन की घोषणा की गयी है.
Rourkela News: एनआइटी राउरकेला में हिंदी पखवाड़ा पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान अलग-अलग थीम पर एनआइटी प्रबंधन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. एनआइटी में आयोजित गुरुवार के कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष प्रो के उमामहेश्वर राव ने की. कार्यक्रम का संचालक रवि शंकर सिंह ने सभा की शुरुआत करते हुए हिंदी दिवस की महत्ता के साथ ही राष्ट्रीय परिदृश्य में हिंदी भाषा की भूमिका पर प्रकाश डाला.
हिंदी भाषा में अभिव्यक्ति की सहजता और गहराई दोनों निहित हैं : डॉ कपानी
अतिथि वक्ता सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ कमल प्रभा कपानी और डॉ सदन कुमार पॉल शामिल हुए और सभा में उपस्थित जनों से हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान करने का अनुरोध किया. डॉ कपानी ने कहा कि हिंदी भाषा में अभिव्यक्ति की सहजता और गहराई दोनों निहित हैं. उन्होंने अपनी कृति ‘तो मैं भी सीता बन जाती’ से काव्यपाठ किया और कहा कि हमें हिंदी को कार्यकुशलता की भाषा समझना चाहिए. डॉ सदन कुमार पॉल ने कहा कि हिंदी को वैज्ञानिक, तकनीकी और शैक्षिक क्षेत्रों में प्रयोग करने से यह भाषा और समृद्ध होगी. उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे हिंदी लेखन, भाषण और रचनात्मक कार्यक्रमों में भाग लेकर भाषा के विकास में योगदान दें.
दैनिक कार्य और पत्राचार में हिंदी का प्रयोग प्रयोग करने की अपील
एनआइटी के निदेशक प्रो राव में अपने संबोधन में सभी उपस्थित सम्मानित कवियों, साहित्यप्रेमियों एवं अतिथियों को उनकी उत्कृष्ट रचनाओं से हिंदी दिवस समारोह को सार्थक एवं यादगार बनाने के लिए अपना आभार व्यक्त किया. साथ ही, उन्होंने संस्थान के सभी सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और उपस्थित जनों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं. समारोह में कुलसचिव प्रो रोहन धीमान भी शामिल हुए. उन्होंने कर्मचारियों और छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपने दैनिक कार्य और पत्राचार में हिंदी का प्रयोग करें, जिससे संस्थान में राजभाषा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके. कार्यक्रम के दौरान संस्थान के विद्यार्थी गतिविधि केंद्र के अंतर्गत कलाम क्लब के छात्र-सदस्यों ने भी अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों से वातावरण को भावपूर्ण बना दिया. उन्होंने शृंगार रस, भक्ति रस सहित विभिन्न रसों पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. कार्यक्रम में कई छात्रों ने अपनी शायरी प्रस्तुत कर समारोह की शोभा बढ़ायी. साथ ही, संस्थान के प्रोफेसर कुमुद कांत मेहता ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित अपनी रचना प्रस्तुत कर उपस्थित सभी लोगों का ध्यान आकर्षित किया.
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