Bhubaneswar News: ओडिशा 2036 तक बनेगा ग्रीन एनर्जी हब : सीएम मोहन माझी
Bhubaneswar News: पुरी में ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट-2025 का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया.
Bhubaneswar News: पुरी में ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट 2025 का केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि ओडिशा अपने ऊर्जा सप्लाई चेन को मजबूत बनाकर एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और हरित राज्य के रूप में विकसित होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि वर्ष 2036 तक ओडिशा ग्रीन एनर्जी हब के रूप में उभर कर आयेगा.
2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित
मुख्यमंत्री माझी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में एक दीर्घकालिक ठोस रोडमैप पर काम शुरू हो चुका है. उन्होंने बताया कि राज्य की औद्योगिक नीति में नवीकरणीय ऊर्जा को अत्यधिक प्राथमिकता दी गयी है और इसे घरेलू उद्योग के रूप में भी सुदृढ़ किया जा रहा है. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य के विकास का आधार ऊर्जा ही है, इसलिए ओडिशा अपनी भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में बिजली उत्पादन और वितरण बड़े संकट से घिरे थे, लेकिन बीते एक दशक में केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्रालय के दूरदर्शी प्रयासों से इस क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है. उन्होंने कहा कि आज भारत में थर्मल ऊर्जा पर निर्भरता घटकर 51 प्रतिशत रह गयी है और आने वाले वर्षों में यह और कम होगी.
भारत बना वैश्विक हरित ऊर्जा का अग्रदूत : प्रह्लाद जोशी
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को और सुदृढ़ करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता वृद्धि का अब तक का सर्वोच्च रिकॉर्ड दर्ज किया है. केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह बात कही. उन्होंने बताया कि देश ने इस वित्त वर्ष में 31.25 गीगावॉट गैर-जीवाश्म क्षमता जोड़ी है, जिसमें 24.28 गीगावॉट सौर ऊर्जा से प्राप्त हुई है. उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि भारत को वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी देशों की श्रेणी में और मजबूत करती है.उद्योग और कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा के व्यापक उपयोग का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा ओडिशा
उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने स्वागत भाषण में कहा कि सौर ऊर्जा के प्रतीक कोणार्क मंदिर की धारा हमें याद दिलाती है कि भारत का ऊर्जा से संबंध हजारों वर्षों पुराना है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक ओडिशा उद्योग और कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा के व्यापक उपयोग का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है तथा वर्ष 2036 तक स्वच्छ ऊर्जा, उत्पादन और ग्रीन हाइड्रोजन का अग्रणी केंद्र बनने की ओर राज्य प्रतिबद्ध है.समारोह में दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरा लाल नागर, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव विशाल कुमार देव, टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ ऊर्जा सलाहकार पियरे नोएल, तथा आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर अनूप सिंह सहित कई विशेषज्ञ और उद्योग प्रतिनिधि उपस्थित थे.
1.5 लाख रूफटॉप सोलर यूनिट की हुई घोषणा
कार्यक्रम में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ओडिशा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य के लिए 1.5 लाख रूफटॉप सोलर यूनिटों की स्वीकृति की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस योजना से राज्य के सात से आठ लाख लोग लाभान्वित होंगे, जिससे ओडिशा की ग्रीन एनर्जी दिशा में प्रगति और तेज होगी. उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 2.8 गीगावाट थी, जो अब बढ़कर 130 गीगावाट तक पहुंच चुकी है. इस अवसर पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने वर्चुअल संबोधन में ओडिशा को बधाई देते हुए कहा कि ऊर्जा परिवर्तन तभी सफल होता है, जब अनेक सरकारें और संस्थान मिलकर लंबे समय तक एक ही लक्ष्य की दिशा में कार्य करें. यही भावना ‘ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट’ की मूल प्रेरणा है.
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