Rourkela News : ढोल-नगाड़ों की और चंडी पाठ से भक्तिमय हुआ रेलनगरी बंडामुंडा का वातावरण

महालया पर दुर्गा पूजा समितियों ने निकाली प्रभात फेरी, भारी संख्या में श्रद्धालु हुए शामिल

By BIPIN KUMAR YADAV | September 22, 2025 1:25 AM

Rourkela News : महालया के पावन अवसर पर रविवार की सुबह बंडामुंडा की विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों की ओर से भव्य प्रभात फेरी निकाली गयी. इसमें पारंपरिक परिधान में शामिल श्रद्धालुओं में उत्साह दिखा. ढोल-नगाड़ों की थाप, शंख ध्वनि और चंडी पाठ से पूरा वातावरण देवी दुर्गा के स्वागत में भक्तिमय हो उठा. सी सेक्टर दुर्गा पूजा कमेटी की प्रभात फेरी बंग भारती से प्रारंभ हुई और कॉलोनी का भ्रमण करते हुए पूजा मंडप परिसर में समाप्त हुई. इसमें समिति की महिला सदस्य पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुईं. श्रद्धालु महिला-पुरुषों ने चंडीपाठ के साथ मां दुर्गा की आराधना की और घर-घर जाकर मां के आगमन का संदेश दिया. सेक्टर सी दुर्गा पूजा कमेटी के सचिव उज्ज्वल भट्टाचार्जी ने बताया कि महालया के दिन मां दुर्गा के आगमन की सूचना के साथ क्षेत्र का भ्रमण कर मां का स्वागत किया जाता है और प्रभात फेरी के माध्यम से पूरे क्षेत्र को इस पावन क्षण का साक्षी बनाया जाता है. इसी क्रम में बी सेक्टर दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से भी प्रभात फेरी निकाली गयी, जो बी सेक्टर रेलवे कॉलोनी और ए सेक्टर रेलवे कॉलोनी की परिक्रमा करती हुई बी सेक्टर शिव मंदिर परिसर में संपन्न हुई. यहां श्रद्धालुओं ने देवी दुर्गा के चरणों में आस्था अर्पित कर परिवार और समाज के कल्याण की प्रार्थना की. वहीं, डीजल कॉलोनी दुर्गा पूजा कमेटी ने भी पूरे कॉलोनी क्षेत्र में प्रभात फेरी का आयोजन किया. सुबह-सुबह वातावरण ‘जय मां दुर्गा’ और चंडी पाठ की गूंज से भक्तिमय हो उठा.

महालया : पुरी में पूर्वजों का श्राद्ध और पिंडदान करने जुटे हजारों श्रद्धालु

पुरी. पितृपक्ष की अंतिम तिथि महालया के पावन अवसर पर रविवार को पुरी में हजारों श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध और पिंडदान करने पहुंचे. श्रीजगन्नाथ मंदिर के उत्तर द्वार, महोदधि तट तथा विभिन्न तीर्थों व पुष्करणियों में भक्तों ने अपने पितृ और मातृ पक्ष की तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तिलांजलि अर्पित कर पुण्य प्राप्ति और पारिवारिक कल्याण की प्रार्थना की. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज पृथ्वी लोक पर अवतरित होते हैं और इस काल में श्राद्ध, पिंडदान एवं तर्पण जैसे अनुष्ठानों के माध्यम से उनकी स्मृति का सम्मान किया जाता है तथा उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है. विशेष रूप से महालया पर किया गया पिंडदान आत्माओं की मुक्ति और शांति सुनिश्चित करता है. पुरी के श्वेतगंगा पुष्करणी, मार्कंडेय पुष्करणी, नरेंद्र पुष्करणी और इंद्रद्युम्न पुष्करणी में भी महालया के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और पिंडदान का आयोजन हुआ. श्रद्धालुओं ने आटे, चावल और भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद से बने पिंड अर्पित कर पूर्वजों का स्मरण किया.

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