धनबाद : कोयला कर्मियों की पीएफ ब्याज दर में वित्त वर्ष 2023-24 में कोई बदलाव नहीं

धनबाद से सीएमपीएफओ मुख्यालय शिफ्ट करने की तैयारी है. इस पर फैसले के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बैठक होगी. मुख्यालय रांची या हैदराबाद शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2024 6:12 AM

धनबाद : कोयला कर्मियों की भविष्य निधि ब्याज दर में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष की तरह इस वर्ष भी 7.6 प्रतिशत ब्याज दर की अनुशंसा वित्त मंत्रालय से की गयी है. कोयला सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में गुरुवार को नयी दिल्ली में आयोजित सीएमपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया. सीएमपीएफओ की ओर से बोर्ड में 7.5 प्रतिशत ब्याज दर का प्रस्ताव लाया गया था. बोर्ड में विचार के बाद 7.6 प्रतिशत की अनुशंसा की गयी. पिछले वित्त वर्ष में भी 7.6 प्रतिशत ब्याज दर दी गयी थी. इपीएफओ से कम ब्याज दर पर यूनियन नेताओं का कहना था कि इपीएफओ शेयर में ज्यादा निवेश लगभग 15 प्रतिशत कर रहा है. वहीं सीएमपीएफओ का मात्र पांच प्रतिशत फंड शेयर में निवेश किया जा रहा है. बैठक में एक हजार रुपये नयूनतम पेंशन अविलंब लागू करने पर जोर दिया गया. बताया गया कि इससे संबंधित संचिका वित्त मंत्रालय में लंबित है.

मुख्यालय शिफ्ट करने पर लोस चुनाव के बाद फैसला

धनबाद से सीएमपीएफओ मुख्यालय शिफ्ट करने की तैयारी है. इस पर फैसले के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बैठक होगी. मुख्यालय रांची या हैदराबाद शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है. फिलहाल चुनाव तक शिफ्टिंग का मामला टल गया है. बैठक में डेथ केस मामले में नियोजन का मुद्दा उठा. सीएमपीएफओ प्रबंधन ने कहा कि जल्दी कार्यवाही की जायेगी. रिवाइज्ड पीपीओ सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई. बैठक में कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद, विभिन्न अनुषंगी कंपनियों से सीएमडी या डीपी, यूनियनों से रमेंद्र कुमार, राकेश कुमार, लक्ष्मा रेड्डी, डीडी रामानंदन सहित कई सदस्य मौजूद थे.

पेंशन फंड को मजबूत करने पर जोर

पेंशन फंड को कैसे मजबूत किया जाये, बैठक में इस पर भी चर्चा हुई. कोल इंडिया से कहा गया कि वह 20 रुपये प्रति टन सीएमपीएफओ पेंशन फंड में देने पर विचार करे. पेंशन फंड की स्थिति की समीक्षा के लिए एडिशनल कोल सेक्रेटरी रूपिंदर बरार की अध्यक्षता में कमेटी बनी. सीएमपीएफ एक्ट व स्कीम में संशोधन के लिए कमेटी गठित की गयी. यूनियनों की ओर से पेंशन वृद्धि की भी मांग की गयी.

Next Article

Exit mobile version