शिवसेना ने ममता बनर्जी पर किया हमला, कहा – सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन बनाना खतरनाक

शिवसेना ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर यूपीए के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ भाजपा और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने के जैसा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2021 2:30 PM

मुंबई : महाराष्ट्र में सत्तासीन शिवसेना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ममता बनर्जी के विपक्षी गठबंधन बनाने के मंसूबों पर करारा प्रहार किया है. उसने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि बिना कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन बनाना सबसे बड़ा खतरा है और यह फासीवादी ताकतों को मजबूत करने के जैसा ही है.

शिवसेना ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर यूपीए के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ भाजपा और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने के जैसा है. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि जो लोग कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार नहीं चाहते, उन्हें अपना रुख सार्वजनिक करना चाहिए, न कि पीठ पीछे बातें करके भ्रम पैदा करना चाहिए.

शिवसेना ने आगे कहा कि जो लोग भाजपा से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए, तो यह रुख ‘सबसे बड़ा खतरा’ है. उसने कहा कि अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी, तो भाजपा का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए.

बता दें कि शिवसेना ने अभी हाल के दिनों में ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के परिप्रेक्ष्य में यह टिप्पणी की है. इस दौरे में उन्होंने बयान दिया था, ‘अब यूपीए नहीं है.’ टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांगला’ ने शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह ‘डीप फ्रीजर’ में चली गई है. ‘जागो बांगला’ ने हाल में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी चेहरा बनकर उभरी हैं, न कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी.

शिवसेना ने कहा कि ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के बाद विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं. भाजपा का मजबूत विकल्प बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन इस पर चर्चा हो रही है कि किसे गठबंधन में साथ लिया जाए और किसे इससे दूर रखा जाए. उसने कहा कि अगर इस बात को लेकर सहमति नहीं है, तो किसी को भी भाजपा से मुकाबला करने की बात नहीं करनी चाहिए. नेतृत्व मुख्य मुद्दा नहीं है, लेकिन कम से कम साथ आने पर निर्णय किया जाना चाहिए.

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उसने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा कांग्रेस को हराने के लिए काम करते हैं, तो कोई भी इसे समझ सकता है, क्योंकि यह उनके एजेंडा का हिस्सा है. वहीं, जो लोग मोदी और भाजपा के खिलाफ हैं और कांग्रेस के बारे में बुरा सोचते हैं, तो यह सबसे बड़ा खतरा है.

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