महाराष्ट्र में स्पीकर पद को लेकर खींचतान, शिवसेना-NCP संग कांग्रेस के रिश्तों को लेकर जानिए क्या मिल रहे संकेत

Udhhav Government महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के रिश्तों में खटास के संकेत मिल रहे है. शिवसेना और एनसीपी दोनों की दलों के कांग्रेस से नाराजगी की बात सामने आ रही है. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी सरकार में अपने सहयोगियों पर गुस्सा निकाला है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को छोटे लोग बताई जाने वाली एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बीते दिनों की गयी टिप्पणी इस बात के संकेत दे रहे है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 9:52 PM

Udhhav Government महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के रिश्तों में खटास के संकेत मिल रहे है. शिवसेना और एनसीपी दोनों की दलों के कांग्रेस से नाराजगी की बात सामने आ रही है. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी सरकार में अपने सहयोगियों पर गुस्सा निकाला है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को छोटे लोग बताई जाने वाली एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बीते दिनों की गयी टिप्पणी इस बात के संकेत दे रहे है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

कहां से शुरू हुआ खटास

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले द्वारा राज्य प्रमुख के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए विधानसभा स्पीकर के पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी शुरू हो गयी. शिवसेना और एनसीपी को नाना पटोले का यह कदम निराश करने वाला था. दरअसल, विधानसभा में स्पीकर का पद बेहद अहम होता है और राज्य कांग्रेस प्रमुख के इस सियासी कदम से दोनों ही दल अनजान थे. बताया जा रहा है कि यहीं से महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में कांग्रेस और अन्य सहयोगियों के बीच विवाद शुरू हो गया.

नाना पटोले के स्पीकर पद छोड़ने पर उद्धव ने जतायी थी नाराजगी

स्पीकर जैसे अहम पद को छोड़ने को लेकर कांग्रेस द्वारा दोनों प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और एनसीपी को जानकारी शेयर नहीं करना गठबंधन में खटास का एक वजह बन गया. सूत्रों के हवाले से आजतक की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मुद्दे पर जारी गतिरोध पर चर्चा के लिए लिए हाल ही में कांग्रेस नेताओं के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी नाराजगी जताई थी.

स्पीकर के चुनाव में आ रही ये बाधाएं

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर के चुनाव के लिए लॉजिस्टिक बाधाएं भी सामने आ रही हैं. संवैधानिक पद होने के कारण रूल बुक के अनुसार प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है और विधानसभा सत्र बुलाने के लिए महामारी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. एक निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट जोकि 72 घंटे पहले का वैध होगा, की भी जरूरत होगी. वहीं, चुनाव की प्रक्रिया चार से पांच दिनों की होगी.

महाराष्ट्र सरकार से सामने आ रही ये मुश्किलें

रूल बुक यह भी कहती है कि चुनाव गुप्त मतदान के जरिए से होंगे. सूत्रों का कहना है कि इससे गठबंधन सरकार हमेशा कमजोर स्थिति में होगी, क्योंकि क्रॉस वोटिंग पर नजर रखना काफी मुश्किल होता है. गठबंधन के उम्मीदवार की हार होने पर महाराष्ट्र सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा. इस मुद्दे पर पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया था.

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