औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘संभाजीनगर’ करने पर महाराष्ट्र में सियासी तकरार, शिवसेना-कांग्रेस में तीखी बहस

Aurangabad Renaming Controversy महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने को लेकर सूबे में सियासी पारा चढ़ने लगा है. इस मामले पर सत्तारुढ़ शिवसेना और कांग्रेस के बीच तीखी बहस जारी है. इन सबके बीच, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे के ताजा बयान से इस मामले में गतिरोध कुछ हद तक कम होने की उम्मीद बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2021 9:11 PM

Aurangabad Renaming Controversy महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने को लेकर सूबे में सियासी पारा चढ़ने लगा है. इस मामले पर सत्तारुढ़ शिवसेना और कांग्रेस के बीच तीखी बहस जारी है. इन सबके बीच, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे के ताजा बयान से इस मामले में गतिरोध कुछ हद तक कम होने की उम्मीद बढ़ गयी है.

आदित्य ठाकरे ने कही ये बात

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, शनिवार को महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि औरंगाबाद का विकास एक महत्वपूर्ण पहलु है और उसका नाम बदलकर संभाजीनगर करने का निर्णय सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटकों के बीच सर्वसम्मति से लिया जाएगा.

कांग्रेस के विरोध का सामना कर रही है शिवसेना

दरअसल, औरंगाबाद शहर के नाम परिवर्तन के मुद्दे पर शिवसेना एमवीए के घटक कांग्रेस के विरोध का सामना कर रही है. जबकि, भाजपा का दावा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता में बने रहने के लिए अपनी पुरानी मांग त्याग रही है. भाजयुमो के सदस्यों द्वारा शहर में कुछ स्थानों पर लगाये गये नमस्ते संभाजीनगर साइनबोर्ड के आलोक में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की पूर्व सहयोगी जब पांच साल तक राज्य में सत्तासीन थी तब उसने इस शहर का नाम बदलने के लिए कुछ नहीं किया.

शिवसेना-कांग्रेस के बीच तीखी बहस के पीछे ये कारण

शिवसेना का कहा है कि यदि किसी को क्रूर एवं धर्मांध मुगल शासक औरंगजेब प्रिय लगता है, तो इसे धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जा सकता है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने शिवसेना और भाजपा पर नाम बदलने को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने सवाल पूछते हुए कहा है कि पिछले पांच वर्षों से महाराष्ट्र में सत्ता में रहने के दौरान उन्हें यह मुद्दा याद क्यों नहीं आया.

सामना में भी जिक्र

शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम में पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों का विचार है कि औरंगाबाद को संभाजीनगर का नाम नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दलों को लगता है कि अगर औरंगाबाद का नाम बदला गया तो मुसलमानों जैसे अल्पसंख्यक समुदाय खुश नहीं होंगे और इससे उनका वोट बैंक प्रभावित होगा. साथ ही उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठाए जाएंगे. राउत ने कहा कि औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष नहीं था बल्कि एक क्रूर प्रशासक था.

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