Maharashtra Crisis : कहीं काला धन तो नहीं ? होटल का बिल आखिर भर कौन रहा है, एनसीपी का बड़ा सवाल

Maharashtra Crisis : एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने सवाल किया है कि सूरत और गुवाहाटी के होटल के साथ-साथ विशेष विमानों के बिल कौन चुका रहा है ? क्या यह सच है कि खरीद-फरोख्त की कीमत 50 करोड़ रुपये है ?

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2022 1:17 PM

Maharashtra Crisis Updates : महाराष्‍ट्र का राजनीतिक संकट अभी खत्‍म नहीं हुआ है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) यानी एनसीपी ने कुछ ऐसे सवाल खड़े किये हैं जिसने सबका ध्‍यान खींच लिया है. दरअसल शिवसेना के विधायकों के एक बड़े वर्ग की बगावत के कारण महाराष्ट्र में उपजे राजनीतिक संकट के बीच एनसीपी ने शनिवार को जानना चाहा कि गुवाहाटी और सूरत में होटल के बिल का भुगतान कौन कर रहा है ? आपको बता दें कि शिवसेना के बागी विधायक फिलहाल असम में डेरा डाले हुए हैं. राज्य में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा कर रही शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने आयकर विभाग (आईटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से ‘‘काले धन” के स्रोत का पता लगाने के लिए भी कहा है.

होटल के साथ-साथ विशेष विमानों के बिल कौन चुका रहा है ?

एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने सवाल किया है कि सूरत और गुवाहाटी के होटल के साथ-साथ विशेष विमानों के बिल कौन चुका रहा है ? क्या यह सच है कि खरीद-फरोख्त की कीमत 50 करोड़ रुपये है ? उन्होंने कहा कि यदि ईडी और आईटी विभाग सक्रिय हो जाते हैं, तो काले धन के स्रोत का खुलासा हो जाएगा. यहां चर्चा कर दें कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक एकनाथ शिंदे के प्रति समर्थन दिखाते हुए गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में है. गुवाहाटी के एक होटल में बागी विधायकों के डेरा डालने से पहले शिंदे और कई अन्य विधायक सूरत के एक होटल में ठहरे थे.

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बैठक में कई निर्णय लिये जाएंगे: संजय राउत

इधर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि हमारी आज की कार्यकारिणी की बैठक बहुत महत्वपूर्ण है. इस बैठक में कई निर्णय लिये जाएंगे. ये पार्टी महाराष्‍ट्र और देश में बहुत बड़ी पार्टी है. उन्होंने कहा कि इस पार्टी को बनाने में बालासाहेब जी, उद्धव जी और सभी कार्यकर्ताओं ने खून-पसीना बहाया है. हमारी पार्टी पर कोई आसानी से डाका नहीं डाल सकता है. केवल पैसे के दम पर कोई पार्टी नहीं खरीद सकता है.

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