चाईबासा के कारोबारी रूंगटा ने बीएसएफ के शस्त्र संग्रहालय को दान में दी 1914 की दुर्लभ रिवॉल्वर

Chaibasa Businessman Donated Rare Revolver: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा के एक बड़े कारोबारी परिवार ने एक दुर्लभ पिस्तौल बीएसएफ को दान में दी है. यह पिस्तौल ब्रिटेन में वर्ष 1914 में बनी थी. बाजार में इसकी कीमत करोड़ों रुपए में आंकी गयी है. हालांकि, इस परिवार ने अपने पिता की इस संपत्ति को हमेशा के लिए संजोने का फैसला किया और बीएसएफ को दान कर दिया.

By Mithilesh Jha | July 23, 2025 6:17 PM

Chaibasa Businessman Donated Rare Revolver: झारखंड के एक कारोबारी के परिवार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दान में वर्ष 1914 की एक दुर्लभ रिवॉल्वर दान में दी है. यह पिस्तौल ब्रिटेन में बनी थी. कारोबारी के परिवार ने मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) के शस्त्र संग्रहालय को 1914 में बनी यह रिवॉल्वर दान में दी है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संग्रहालय में 14वीं सदी के हथियारों से लेकर बाद की पीढ़ियों के हथियारों को प्रदर्शित किया गया है.

नंदलाल रूंगटा के परिवार ने दान की है रिवॉल्वर

अधिकारियों ने बताया कि झारखंड के चाईबासा के कारोबारी नंदलाल रूंगटा के परिवार ने ब्रिटेन में 111 साल पहले बनी .45 बोर की ‘वेबली मार्क 5’ रिवॉल्वर सीएसडब्ल्यूटी के शस्त्र संग्रहालय को दान में दी है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के जिला शस्त्र मजिस्ट्रेट की अनुमति के आधार पर रूंगटा ने अपने दिवंगत पिता सीताराम रूंगटा का यह हथियार दान किया है.

रिवॉल्वर दान करने से पहले पूरी की कानूनी औपचारिकता

अधिकारियों ने बताया कि तमाम कानूनी औपचारिकताएं पूरी किये जाने के बाद रूंगटा के एक प्रतिनिधि ने सीएसडब्ल्यूटी के कार्यवाहक महानिरीक्षक राजन सूद की मौजूदगी में यह रिवॉल्वर बीएसएफ के संग्रहालय को सौंपी. अधिकारियों के मुताबिक, रूंगटा ने 2 साल पहले कोलकाता के एक अखबार में सीएसडब्ल्यूटी के शस्त्र संग्रहालय पर छपे एक लेख से प्रेरित होकर अपनी यह पारिवारिक रिवॉल्वर दान करने का फैसला किया.

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अजय कुमार जैन ने रूंगटा परिवार की इस काम में की मदद

इस रिवॉल्वर को बीएसएफ के संग्रहालय तक पहुंचाने में ऑल इंडिया बीएसएफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार जैन ने रूंगटा की मदद की. जैन ने बताया कि दुर्लभ हथियारों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस रिवॉल्वर की कीमत करोड़ों रुपए में आंकी जा रही है, लेकिन रूंगटा ने अपने पिता की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए इस हथियार को बीएसएफ के संग्रहालय को दान करने का फैसला किया.

रूंगटा के प्रतिनिधि ने राजन सूद की मौजूदगी में यह रिवॉल्वर बीएसएफ के संग्रहालय को सौंपी. (इनसेट) स्व सीताराम रूंगटा.

दुर्लभ रिवॉल्वर बीएसएफ संग्रहालय में रहेगी सुरक्षित

जैन ने बताया कि यह दुर्लभ रिवॉल्वर बीएसएफ के संग्रहालय में सुरक्षित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को हथियारों के इतिहास से रू-ब-रू करायेगी. अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के पहले महानिदेशक केएफ रुस्तमजी की परिकल्पना के बाद वर्ष 1967 में स्थापित इस संग्रहालय में 300 दुर्लभ हथियार हैं. इनमें बंदूक, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफल, सब मशीन गन, लाइट मशीन गन (एलएमजी), मीडियम मशीन गन (एमएमजी), रॉकेट लॉन्चर, मोर्टार और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.

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