आदिवासियों की संस्कृति को पहचान नहीं मिली, तो आंदोलन : विधायक

आदिवासियों की संस्कृति को पहचान नहीं मिली, तो आंदोलन : विधायक

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2025 9:40 PM

सिमडेगा. राजधानी रांची स्थित राजभवन के समक्ष सोमवार को कांग्रेस प्रदेश कमेटी द्वारा जनगणना के धर्म कॉलम में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर विशाल जन प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शन में सिमडेगा से कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा जिले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए. विधायक भूषण बाड़ा ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आदिवासियों की आवाज नहीं सुनी गयी, तो हम संसद से लेकर सड़क तक हल्ला बोल करेंगे. अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार हमारे धर्म, संस्कृति और अस्तित्व को पहचान दे, अन्यथा आंदोलन होगा. भूषण बाड़ा ने कहा कि आदिवासी समाज लंबे समय से अपने लिए सरना धर्म कोड की मांग करते आ रहा है. जनगणना के धर्म कॉलम में अलग से सरना कोड जोड़ना न सिर्फ एक सांस्कृतिक पहचान का विषय है, बल्कि यह आदिवासियों के अस्तित्व व अधिकार से भी जुड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासियों की आवाज को मंच दिया है. साथ ही संविधान, संस्कृति व सरना की रक्षा के लिए हर मंच पर संघर्ष किया है और करता रहेगा. विधायक भूषण बाड़ा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार बार-बार इस विषय को टाल रही है और आदिवासियों की भावनाओं की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बताना होगा कि वह सरना धर्म कोड को मान्यता देने से क्यों कतरा रही है. किस बात का उन्हें डर है. उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर सरना धर्म कोड को इस बार की जनगणना में शामिल नहीं किया गया, तो आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा.

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