Durga Puja 2020: सिमडेगा में नहीं होगी मूर्ति पूजा! समिति ने प्रशासन पर लगाये गंभीर आरोप

Durga Puja 2020, Simdega News: झारखंड के सिमडेगा जिला में दुर्गा पूजा समिति ने साफ कर दिया है कि प्रशासन का अड़ियल रवैया बना रहा, तो जिला में कहीं भी मूर्ति पूजा नहीं होगी. दुर्गा पूजा धार्मिक शास्त्रों के आधार पर होगी, न कि सरकार और प्रशासन के दबाव में.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2020 5:29 PM

रांची : झारखंड के सिमडेगा जिला में दुर्गा पूजा समिति ने साफ कर दिया है कि प्रशासन का अड़ियल रवैया बना रहा, तो जिला में कहीं भी मूर्ति पूजा नहीं होगी. दुर्गा पूजा धार्मिक शास्त्रों के आधार पर होगी, न कि सरकार और प्रशासन के दबाव में. प्रशासन जबरन कुछ नियम थोप रहा है, जिसकी वजह से जिले की सभी पूजा समितियों ने इस बार मूर्ति पूजा नहीं करने का निर्णय लिया है.

समिति ने कहा है कि दुर्गा पूजा को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है, उसके मुताबिक पूजा करना संभव नहीं है. प्रशासन के दबाव में उसके तरीके से पूजा नहीं हो सकती. पूजा समिति ने शुक्रवार को बैठक की, जिसमें सभी आयोजकों ने एक मत से कहा कि मां भगवती की आराधना हिंदू शास्त्रों एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होगी, सरकारी दबाव पर पूजा की पद्धति नहीं बदलेगी.

समन्वय समिति के अध्यक्ष ने दो टूक कहा कि अगर सरकार और प्रशासन दबाव डालकर अपने तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन कराना चाह रहा है, तो सिमडेगा जिला में कहीं पर भी मूर्ति पूजा नहीं होगा. दुर्गा पूजा नहीं होने की पूरी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी. उन्होंने कहा कि पूजा के नाम पर दबाव बनाते हुए प्रशासन अपनी बातों को बनवाना चाह रहा है, जो कतई स्वीकार्य नहीं है.

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समन्वय समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से विपरीत परिस्थितियां हैं. सभी लोग इस बात को समझ रहे हैं. कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए जो भी गाइडलाइन जारी किया गया है, पूजा का आयोजन करने वाले सभी लोग उसका पालन करेंगे. लेकिन, जो शर्तें सरकार और प्रशासन की ओर से थोपी जा रही है, वह बेवजह परेशान करने वाली है.

उन्होंने कहा कि पंडाल में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच कराने के लिए कहा जा रहा है. यदि लोग कोरोना जांच कराने के लिए तैयार न हों, तो क्या किया जायेगा. उन्होंने सवाल किया कि क्या बीडीओ-सीओ के कार्यालय में या उपायुक्त के कार्यालय में लोग कोरोना की जांच कराने के बाद ही अपनी बात कहने जा रहे हैं. यदि ऐसा नहीं है, तो पूजा करने वालों के लिए यह बाध्यता क्यों?

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पूजा समिति ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूजा पंडाल में माइक आदि लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ अन्य धर्म के लोग दिन में कई-कई बार ध्वनि विस्तारक यंत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं. अपने समाज के लोगों को माइक से जागरूक कर रहे हैं. पूजा समिति ने पूछा है कि क्या माइक बजने से कोरोना फैलता है? ऐसा है, तो बाजार क्यों लग रहे हैं? सरकारी कार्यालयों में लोग क्यों आ-जा रहे हैं?

Posted By : Mithilesh Jha

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