Seraikela Kharsawan News : अफीम की खेती युवाओं के भविष्य के लिए घातक, दूर रहें : उपायुक्त

किसानों को वैकल्पिक खेती व सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया

By ATUL PATHAK | October 15, 2025 10:51 PM

खरसावां. कुचाई के दलभंगा में बुधवार को अफीम की अवैध खेती रोकने के लिए ””””कल्टीवेशन ड्राइव”””” के तहत जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में डीसी नितिश कुमार सिंह, एसपी मुकेश लुणायत ने लोगों से सीधा संवाद किया. डीसी ने कहा कि अफीम की अवैध खेती न केवल गैरकानूनी है, बल्कि समाज, परिवार और खासकर युवाओं के भविष्य के लिए बेहद घातक है. उन्होंने किसानों से खरीफ-रबी फसलों, बागवानी और फल-सब्जी जैसी वैकल्पिक खेती अपनाने की अपील की. उन्होंने बताया कि अफीम की खेती भूमि की उर्वरता को समाप्त कर उसे बंजर बना देती है. ग्रामसभा के माध्यम से योजनाओं का चयन कर प्रखंड कार्यालय भेजने और बीडीओ को किसानों की सूची तैयार कर बीज वितरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया. कार्यक्रम में कृषि विभाग ने सरसों, चना, मटर समेत अन्य फसलों के बीज वितरित किए. साथ ही मनरेगा, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि, फूलो-झानो आशीर्वाद, धोती-साड़ी, किसान क्रेडिट कार्ड और एसएचजी क्रेडिट लिंकेज जैसी योजनाओं के तहत परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. जनसंवाद में रुगुडीह गांव के मधुसूदन मुंडा ने क्षेत्र की जर्जर सड़कों के जीर्णोद्धार, युवाओं को रोजगार से जोड़ने और बुरुडीह के खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने की मांग की. कार्यक्रम में साधुचरण देवगम, सुषमा सोरेन, मानसिंह मुंडा, जिंगी हेंब्रम, मुखिया और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए महिलाओं की सहभागिता जरूरी: डीसी

डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और योजनागत सहायता उपलब्ध करायेगा. उन्होंने बताया कि प्रशासन का लक्ष्य दंडात्मक कार्रवाई नहीं, बल्कि जागरुकता, आजीविका संवर्धन और सामाजिक सशक्तीकरण है. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देख डीसी ने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महिलाओं की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है.

अफीम की खेती अवैध, 20 साल की सजा : एसपी

पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत ने कहा कि अफीम की खेती पूरी तरह अवैध है और इसमें संलिप्त पाये जाने पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. उन्होंने अफीम न उगाने का निर्णय लेने वाले गांवों को सराहनीय बताया और लोगों से वैकल्पिक खेती अपनाने का आह्वान किया.

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