अब आम के आम, गुठली के भी दाम

– शचिंद्र कुमार दाश –... झारक्रफ्ट का ‘प्रोलाना’ के साथ एमओयू, रेशम के कचरे जर्मनी होंगे निर्यात खरसावां : झारक्राफ्ट अब आम के आम, गुठली के भी दाम भी वसूलने की तैयारी में है. तसर सिल्क के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलाने वाली उद्योग विभाग की उपक्रम झारक्राफ्ट अब अंतरराष्ट्रीय बाजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2013 2:44 AM

– शचिंद्र कुमार दाश –

झारक्रफ्ट का प्रोलाना के साथ एमओयू, रेशम के कचरे जर्मनी होंगे निर्यात

खरसावां : झारक्राफ्ट अब आम के आम, गुठली के भी दाम भी वसूलने की तैयारी में है. तसर सिल्क के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड को पहचान दिलाने वाली उद्योग विभाग की उपक्रम झारक्राफ्ट अब अंतरराष्ट्रीय बाजार से तसर के कचरे से भी अपनी कीमत वसूलेगी.

झारखंडी रेशम का कचरा अब जर्मनी को निर्यात किया जायेगा. पूर्व में रेशम के इन कचरों को फेंक दिया जाता था. अब इसके भी दाम मिलेंगे. यानी तसर कोसा का कोई भी हिस्सा बेकार नहीं जायेगा. रेशम के कचरों को निर्यात करने के लिए झारक्रफ्ट ने जर्मनी की एक कंपनी प्रोलाना से एमओयू किया है. प्रोलाना यूरोप की अग्रणी फर्निशिंग निर्माता कंपनी है.

तसर के कचरों का उपयोग ऑर्गेनिक क्विल्ट (रजाई) में अंदर भरने में किया जायेगा. प्रोलाना ने झारक्रफ्ट से प्रतिवर्ष पांच सौ टन तसर के कचरों की मांग की है तथा प्रति किलो एक हजार रुपये की कीमत लगायी है. प्रोलाना द्वारा तसर कचरे के निर्यात से पूर्व उसकी प्रोसेसिंग करने की भी मांग झारक्रफ्ट से की गयी है.

सिल्क वेस्टेज से झारक्राफ्ट को राजस्व

सिल्क वेस्टेज के निर्यात के लिए जर्मनी से करार हो चुका है. निर्यात की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जायेगी. इससे झारक्राफ्ट को भी राजस्व मिलेगा. धीरेंद्र कुमार, झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक सह उद्योग विभाग के विशेष सचिव.